मेरठ, दिल्ली के बाद गाजियाबाद बना वाहन कटान की मंडी

दिल्ली के सुंदर नगरी और मेरठ के सोतीगंज के बाद जिला गाजियाबाद भी वाहन कटान का अड्डा बनता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:19 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:19 PM (IST)
मेरठ, दिल्ली के बाद गाजियाबाद बना वाहन कटान की मंडी
मेरठ, दिल्ली के बाद गाजियाबाद बना वाहन कटान की मंडी

अजय सक्सेना, लोनी : दिल्ली के सुंदर नगरी और मेरठ के सोतीगंज के बाद जिला गाजियाबाद भी वाहन कटान की मंडी बनता जा रहा है। पुलिस ने चार दिन के अंदर विजय नगर और लोनी में चोरी के वाहन काटन वाले 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से भारी मात्रा में चोरी के दो और चार पहिया वाहन बरामद हुए हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द कुछ वाहन चोरों को गिरफ्तार किया जाएगा। मेरठ, दिल्ली में कटान पर लगी रोक : मेरठ के सोतीगंज और दिल्ली के सुंदर नगरी इलाके में पुराने कबाड़ वाहन काटने का काम होता था। अधिकारियों की मानें तो पुराने वाहनों की आड़ में वहां चोरी के वाहन काटे जाते थे, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने करीब पांच माह पूर्व मेरठ और चार माह पूर्व सुंदर नगरी, दिल्ली में कटान पर रोक लगा दी। अधिकारियों के सख्त रवैये को देखकर अवैध कारोबारी वहां से भाग खड़े हुए। गाजियाबाद में पसार रहे पैर : चोरी के वाहन काटने के लिए कारोबारियों ने गाजियाबाद को चुना है। पुलिस ने 25 अक्टूबर को विजयनगर से 10 आरोपितों को गिरफ्तार कर 10 मोटरसाइकिल और अन्य सामान बरामद किया था। गिरोह को पिता-पुत्र चला रहे थे। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने ट्रानिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र से 13 आरोपितों को गिरफ्तार कर 77 चार पहिया वाहन बरामद किए हैं। हजारों में लग्जरी कार की कीमत : खून पसीने की कमाई से खरीदी गई लाखों की कार की कीमत अवैध कारोबार की मंडी में महज हजारों में हो जाती है। ट्रानिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र में अवैध कारोबार कर रहे देवेंद्र शर्मा ने पुलिस गिरफ्त में बताया कि वह लग्जरी कार को महज 50 से 70 हजार रुपये में खरीदते थे। वाहन चोर इतने रुपये लेकर खुश हो जाते थे। उसने बताया कि फोन पर कोड भाषा में बात करते थे। वह कार को सामान बोलते थे। वाहन चोरी करने वाला बोलता था, सामान लेकर आ रहा हूं। माल तैयार रखना। कार लाओ काट कर ले जाओ : देवेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां दो तरीके से कारोबार किया जाता था। एक तो फैक्ट्री संचालक चोरी की कार को खरीद लेते थे। दूसरे वाहन चोर कार लेकर आते और फैक्ट्री में कार के पार्ट्स अलग-अलग कर टैंपो में वापस ले जाते थे। फैक्ट्री इस्तेमाल करने के वाहन चोर उन्हें 10 हजार रुपये देते थे। चोरी के वाहन खरीदने में काफी कबाड़ी शामिल हैं। उनकी दुकानों पर चोरी के वाहनों की डील होती थी। ट्रानिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र से गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ की गई। कुछ वाहन चोर और चोरी के वाहन काटने वालों के संबंध में जानकारी मिली है। जल्द छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

- ईरज राजा, एसपी देहात

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