अधर में लटका 420 छात्रों का भविष्य

दीपा शर्मा गाजियाबाद जिले के एकमात्र एडेड महाविद्यालय एमएमएच कालेज में बीसीआइ (बोर्ड काउंि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:33 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 07:33 PM (IST)
अधर में लटका 420 छात्रों का भविष्य
अधर में लटका 420 छात्रों का भविष्य

दीपा शर्मा, गाजियाबाद : जिले के एकमात्र एडेड महाविद्यालय, एमएमएच कालेज में बीसीआइ (बोर्ड काउंसिल आफ इंडिया) से मान्यता नहीं होने की वजह से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एलएलबी पाठ्यक्रम का सत्र शून्य कर दिया है। अब तक कालेज में एलएलबी में पहली मेरिट पर हुए 220 दाखिले भी निरस्त कर दिए गए हैं। कालेज प्रबंधन का कहना है कि कालेज में विद्यार्थियों से बहुत कम फीस ली जाती है। जिसमें महाविद्यालय की ओर से निजी शिक्षक भी रखे जाते हैं। मान्यता के लिए खर्चा कहां से किया जाए।

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2001 में मिला था स्टे, 2016 में जीते थे कोर्ट से केस

एमएमएच कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर और एबीवीपी के मेरठ प्रांत अध्यक्ष उत्तम कुमार ने बताया कि कालेज में 2001 में भी बीसीआइ से मान्यता नहीं होने की वजह से एलएलबी पाठ्यक्रम संचालन में मुश्किलें आईं थीं। महाविद्यालय प्रबंधन पाठ्यक्रम संचालन जारी रखने के लिए कोर्ट गया था। फैसला आने तक कोर्ट से पाठ्यक्रम संचालन की अनुमति दी थी। 2016 में कालेज प्रबंधन कोर्ट से केस जीत गया। तभी से एलएलबी पाठ्यक्रम संस्थान में जारी था। लेकिन इस साल बीसीआइ मान्यता को लेकर सख्त है। 2016 कानूनी शिक्षा समिति के निर्णय के आधार पर 2018 में सर्कुलर जारी किया गया था कि बिना मान्यता के महाविद्यालय में एलएलबी पाठ्यक्रम जारी नहीं रहेगा। एलएलबी जारी रखते हुए संस्थान दाखिले लेता भी है तो तो बीसीआइ की ओर से सत्र शून्य ही माना जाएगा। छात्रों का साल खराब होगा तो उसके लिए विश्वविद्यालय और महाविद्यालय जिम्मेदार होंगे।

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मान्यता के लिए खर्च होते हैं साढ़े तीन से पांच लाख

एलएलबी के संस्थान को तीन साल के लिए बोर्ड काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) से मान्यता लेने में तीन लाख रुपये निरीक्षण और पंजीकरण में 50 हजार रुपये का खर्च आता है। वहीं पांच साल तक के लिए मान्यता प्राप्त करने में पांच लाख तक का खर्च आता है। प्राचार्य डॉ. एमके जैन का कहना है कि बहुत कम फीस में बच्चों को पढ़ाई कराई जाती है। अपने खर्चे पर निजी शिक्षक भी रखे जाते हैं। महाविद्यालय के पास इतना बजट नहीं है कि वह खर्चा करके मान्यता ले सके। इस बात को विश्वविद्यालय और बीसीआइ को समझना चाहिए।

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पाठ्यक्रम जारी करने के लिए कोर्ट में लड़ेगे

महाविद्यालय प्रबंधन चाहता है कि महाविद्यालय में एलएलबी पाठ्यक्रम जारी रहे इसके लिए सोमवार को हाई कोर्ट जाएंगे। लंबे समय से छात्र हित के लिए प्रबंधन लड़ता आ रहा है। छात्रों के भविष्य को किसी कीमत पर खराब होने नहीं दिया जाएगा।

-डॉ. एमके जैन, प्राचार्य, एमएमएच कालेज

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