23 दिन बीते, सियासत के फेर में कूड़ाघर बन रहीं शहर की सड़कें
जासं गाजियाबाद यूपी विधानसभा चुनाव-2022 करीब है। ऐसे में शहर में कूड़े पर ही राजनीति शुरू है। राजनगर स्थित मिग्सन सोसायटी के पास बने डंपिग ग्राउंड को बंद हुए बृहस्पतिवार को 23 दिन हो गए लेकिन अब तक नगर निगम को कूड़ा डंप कर निस्तारण के लिए दूसरी जगह नहीं मिली है।
जासं, गाजियाबाद: यूपी विधानसभा चुनाव-2022 करीब है। ऐसे में शहर में कूड़े पर ही राजनीति शुरू है। राजनगर स्थित मिग्सन सोसायटी के पास बने डंपिग ग्राउंड को बंद हुए बृहस्पतिवार को 23 दिन हो गए, लेकिन अब तक नगर निगम को कूड़ा डंप कर निस्तारण के लिए दूसरी जगह नहीं मिली है। गालंद में कूड़ा डालने के विरोध में सियासत हो रही है। ऐसे में शहर की सड़कें कूड़ाघर बन रही हैं। समस्या के समाधान के लिए नगर निगम के अलावा हापुड़ और गाजियाबाद के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी लगातार बैठक कर रहें हैं, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में आती नहीं दिख रही है। 15 से ज्यादा जगह किया संपर्क : नगर निगम ने गालंद में कूड़ा डालने का विरोध होने के कारण दूसरी जगह जमीन की तलाश की। 15 से अधिक किसानों से नगर निगम के अधिकारियों ने संपर्क किया है, लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिए दूसरी जगह जमीन नहीं मिल रही है। लोगों का कहना है कि नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण के लिए गालंद में जगह है, तो दूसरी जगह कूड़ा डंप क्यों करने दिया जाए। पहले से ही तय स्थान पर ही नगर निगम को कूड़ा डालकर उसका निस्तारण करना चाहिए, ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके। सड़कों पर फेंका जा रहा घरों का कूड़ा : कूड़ा डंप करने के लिए जगह नहीं है। ऐसे में नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा घर-घर से इकट्ठा किया जा रहा कूड़ा सड़कों के किनारे खाली स्थान, विजयनगर से डासना तक एनएच-नौ के किनारे खाली स्थान पर और औद्योगिक क्षेत्र में फेंका जा रहा है। इससे स्थानीय निवासियों और राहगीरों को परेशानी हो रही है।
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सड़कों पर जहां कूड़ा फेंके जाने की शिकायत मिली है, वहां पर सफाई करवाई गई है। गालंद में कूड़ा निस्तारण केंद्र शुरू हो, इसके लिए हापुड़ के जिला प्रशासन और किसानों से वार्ता की गई है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा।
- महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त।