यमुना में बढ़ा पानी, खादर की फसलें डूबी
ग्रामीणों की धड़कनें बढ़ी लगातार बढ़ रहे पानी से खेतों की खड़ी फसल के डूबने का खतरा।
संवाद सहयोगी, टूंडला : टूंडला में यमुना किनारे के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों की धड़कनें बुधवार को फिर से बढ़ गई। बुधवार सुबह जल स्तर बढ़ने पर खादर में बोई गई अधिकांश फसल पानी में डूब गई। वहीं लगातार बढ़ रहे पानी से खेतों की खड़ी फसल के डूबने का खतरा बढ़ रहा है।
टूंडला के गांव रसूलाबाद, पीपरिया, गदलपुरा, अनवारा, पीपरिया, नियामतपुर, बझेरा सहित कई गांव यमुना किनारे स्थित हैं। इन गांवों की खेती यमुना के किनारे है तो कई किसान यमुना के खादर (पानी उतरने के बाद बचने वाली जगह) में भी फसल की बुवाई करते हैं। मंगलवार से होने वाली बरसात से रात में ही यमुना का पानी खादर की फसलों तक पहुंच गया। यमुना की खाली जगह में बोई गई फसल पानी में डूब गई। बुधवार को जब किसान सुबह खेतों की तरफ गए तो फसलों को पानी के बीच देख कर परेशान हो गए। जिनके खेतों में पानी नहीं पहुंचा है, वह भी फसल को लेकर चितित हैं। रसूलाबाद के रामप्रकाश कहते हैं कि यमुना में जब भी जलकुंभी बढ़ती है तो जल स्तर बढ़ता है। ऐसे में कभी भी खेतों तक पानी आ सकता है। एसडीएम बुसरा बानो का कहना है कि यमुना की निगरानी को लेखपालों की ड्यूटी लगा दी गई है। गांवों में बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं। जल स्तर की निगरानी की जा रही है।
इंसेट
बड़ी संख्या में मर रहीं हैं मछलियां
जल स्तर बढ़ने के बाद में यमुना में मछलियां भी बड़ी संख्या में मर रही हैं। मंगलवार रात को जल स्तर बढ़ने के बाद में यमुना के तट पर मरी हुईं मछलियां भी मिली हैं।