सफर को नहीं थे पैसे, भूटान से गोल्ड जीत लाया सुमित

2019 में पैसे के अभाव में नहीं जा पाए नेपाल खेलने भूटान जाने में समाजसेवियों ने भी की थी मदद।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:57 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:57 AM (IST)
सफर को नहीं थे पैसे, भूटान से गोल्ड जीत लाया सुमित
सफर को नहीं थे पैसे, भूटान से गोल्ड जीत लाया सुमित

संवाद सहयोगी, टूंडला : टूंडला जैसे कस्बे में भी खेल प्रतिभाएं अपना हुनर दिखा रही हैं। खेल के लिए सरकार ने भले ही लंबा-चौड़ा बजट दिया हो, लेकिन खेल प्रतिभाएं धन के अभाव में खेल नहीं पाती। भूटान में अपनी कप्तानी में टीम को गोल्ड दिलाने वाले सुमित के पास उस प्रतियोगिता में जाने-आने का खर्च उठाने के लिए भी पैसे नहीं थे।

टूंडला निवासी सुमित पौनियां एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पिता गोपाल पौनियां इलैक्ट्रीशियन हैं, लेकिन सुमित की रुचि शुरू से खेल में रही। बालीबाल के शौकीन सुमित के समक्ष आर्थिक तंगी की समस्या भी थी। प्राइवेट एकेडमी में प्रशिक्षण एवं खेलने के लिए पैसे की जरूरत होती थी, ऐसे में सुमित ने कक्षा 11 से ही अपना जेब खर्च जोड़ना शुरू कर दिया। इनका खेलों के प्रति झुकाव को देखते हुए ठा.बीरी सिंह इंटर कालेज के प्रबंधक सुरेंद्र सिंह नौहवार और समाजसेवी दीपक चौधरी ने कई बार मदद की। लोगों के सहयोग से उन्होंने 2019 में आइसीएसई की नेशनल चैंपियनशिप जयपुर में प्रतिभाग किया। यहां पर इनके प्रदर्शन के आधार पर आइसीएसई की भूटान में होने वाली इंडो भूटान चैंपियनशिप के लिए बालीबाल टीम का कप्तान चुना गया। भूटान में हुई चैंपियनशिप में टीम जीती तथा सुमित को गोल्ड मैडल मिला।

नेपाल का रह गया मलाल..

2019 में ही सुमित को नेपाल में भी एक चैंपियनशिप के लिए चुना गया, लेकिन उसमें जाने-आने के लिए पैसों की व्यवस्था नहीं कर सके। इसका सुमित को मलाल रहा। बीपीएड कर चुके सुमित एमपीएड करना चाहते हैं। वे कहते हैं कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा की जरूरत है, ताकि वह अपने खेल को निखार सकें। हैमर थ्रो में इंटरनेशनल खेलना चाहती हैं दिव्या टूंडली निवासी विजय सिंह पौनियां की बेटी दिव्या पौनियां भी ऐसी ही प्रतिभाशाली गांव की बेटी हैं। गांव में रहते हुए भी दिव्या की रुचि सदैव से खेलों में रही। ऐसे में पढ़ाई के दौरान उन्हें खेल का मौका मिला तो उन्होंने हैमर थ्रो को चुना। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने इस खेल में पहचान बनाई। 2019 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में दिव्या ने छठवां स्थान प्राप्त किया। वर्तमान में आगरा कालेज आगरा में बीएससी की छात्रा दिव्या इंटरनेशनल में खेलना चाहती हैं तथा इसके लिए मेहनत कर रही हैं। डिस्कस थ्रो में बाजी मारने का है सीमा का सपना

टूंडला के जीजीआइसी में कक्षा 11 की छात्रा सीमा डिस्कस थ्रो की खिलाड़ी हैं। मोहम्मदाबाद जैसे क्षेत्र में रहने वाली सीमा को भी बचपन से खेल में रुचि है। डिस्कस थ्रो की खिलाड़ी सीमा को पिछली बार आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर हुई कालेज चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिला, लेकिन वह कोई स्थान नहीं पा सकीं। सीमा इस बार फिर से प्रतियोगिता में भाग लेने की तैयारी कर रही हैं।

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