जगमग जगमुदी में बाकी हैं समस्याएं
- शहर के कान्वेंट स्कूल को टक्कर देता है गांव का प्राथमिक विद्यालय मगर बदहाल हैं दूसरे गांवों से जुड़े रास्ते अक्सर होता है जलभराव।
संवाद सहयोगी, सिरसागंज, (फीरोजाबाद): हाईवे से सटी ग्राम पंचायत जगमुदी की पहचान आसपास के क्षेत्र में एक माडल गांव के रूप में होती है। पढ़ाई और पेयजल की व्यवस्था ग्रामीणों और सरकारी तंत्र के कुछ कर गुजरने का उदाहरण पेश करती है, लेकिन इस जगमगाहट के बीच दूसरे गांवों से जुड़े रास्ते बदहाल होने के कारण ग्रामीणों में एक कसक पैदा करते हैं।
कस्बे से तीन किलोमीटर दूर जगमुदी ग्राम पंचायत में सराय हैवतपुर, खेड़ा, ठार हैवतपुर गांव शामिल हैं। इनकी कुल आबादी दो हजार से थोड़ी ज्यादा है। वोटर 1400 हैं। जगमुदी प्राथमिक विद्यालय का कायाकल्प यहां पढ़ाने वाले शिक्षिकों और ग्राम प्रधान ने मिलकर उस समय कराया था, जब सरकार का आपरेशन कायाकल्प शुरू भी नहीं हुआ था। यह देखने में तो आकर्षक है ही। बच्चों की शिक्षा का स्तर भी अच्छा है। गांव की अधिकांश गलियां पक्की हैं। महिला प्रधान ने घर-घर जलापूर्ति के लिए चार सबमर्सिबल लगवाई हैं। अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाकर कनेक्शन दिए गए हैं।
ये हैं प्रमुख समस्याएं
-पैगू रोड कच्चा होने से आवागमन में होती है दिक्कत। बरसात में होता है जलभराव।
-हैवतपुर सराय की मलिन बस्ती में जल निकासी की है समस्या।
-ग्राम पंचायत में नियमित साफ सफाई की नहीं है व्यवस्था।
-हैवतपुर से खेड़ा मार्ग भी है बदहाल।
-ओडीएफ गांव होने के बाद भी खुले में शौच जाते हैं कई ग्रामीण।
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-गांव से पैगू जाने वाला मार्ग बदहाल है। बरसात में तो इस पर चलना भी मुश्किल होता है। प्रशासन को इसे जल्द ठीक कराया जाना चाहिए।
- रामचंद्र सिंह -गांव में टंकी नहीं है, लेकिन ग्राम प्रधान ने सबमर्सिबल के जरिए घर घर पानी पहुंचाने की व्यवस्था की है। टंकी बन जाए तो अच्छा रहेगा।
-दिलीप कुमार -गांव में वैसे तो सब ठीक है लेकिन स्वच्छता का अभाव है। नियमित रूप से सफाई नहीं होती। अधिकारी इस तरफ थोड़ा ध्यान दें तो गांव की सूरत बदल जाए।
- छत्रपाल सिंह -हमारी बस्ती में जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। बस्ती तक आने के लिए कोई सड़क भी नहीं है। ऐसे में हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
-गौतम सिंह सराय हैवतपुर
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गांव की सड़कों और शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर काफी काम किया गया है। जो खड़ंजे कच्चे रह गए हैं। उनके लिए जिला पंचायत को कई बार लिखा गया, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। मलिन बस्ती में बजट न होने के कारण काम नहीं हो पाया।
-संगीता देवी, ग्राम प्रधान