इमरजेंसी में आक्सीजन बेचने पर भी अभयदान

आरोप साबित होने पर स्टाफ नर्स सिर्फ 15 दिन के लिए नर्सिग सेवा से निलंबित आरोप आठ हजार रुपये में बेच दिए थे दो सिलेंडर।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 06:21 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 06:21 AM (IST)
इमरजेंसी में आक्सीजन बेचने पर भी अभयदान
इमरजेंसी में आक्सीजन बेचने पर भी अभयदान

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में मरीजों की सांसें अटक रही थीं। एक-एक पल के लिए आक्सीजन की दरकार थी। ऐसे नाजुक समय में भी आक्सीजन बेच दी। जांच में आरोप साबित हुए। मगर, सख्त कार्रवाई के बजाय सिर्फ 15 दिनों के लिए नर्सिग सेवा से निलंबित कर उसे अभयदान दे दिया गया।

अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में कोहराम मचा था। अस्पताल फुल थे। सरकारी ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी में आक्सीजन की अभाव में कई लोगों की मौत हो गई। इसी दौरान स्टाफ नर्स नरेंद्र सिंह पर आक्सीजन सिलेंडर आपूर्ति में अवैध धन वसूली के आरोप लगे। आरोप था कि दो सिलेंडर आठ हजार रुपये में बेचे थे। इस शिकायत के बाद प्राचार्या ने जांच कराई।

12 मई को मेडिकल कालेज के उप प्राचार्य के हस्ताक्षर से जारी आदेश में लिखा है कि गठित जांच समिति की आख्या के आधार पर स्टाफ नर्स नरेंद्र सिंह को दोषी माना जाता है। 15 दिनों के लिए नर्सिंग सेवा से निलंबित किया जाता है। पहले भी ट्रामा सेंटर में रुपये लेते हुए वीडियो हुआ था वायरल. दोषी स्टाफ नर्स का पिछले महीने ट्रामा सेंटर पर तीमारदार से रुपये लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। इसमें सीएमएस ने जांच की बात कही थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। --कंपनी भी है कर्मचारी के कृत्य की जिम्मेदार. स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज में कर्मचारियों की संविदा पर तैनाती लखनऊ की ए स्क्वायर कंपनी ने की है। जानकारों का मानना है कि इस मामले में कंपनी को भी नोटिस दिया जाना चाहिए था। इसकी बजाए नर्सिंग स्टाफ के निलंबन की सूचना देकर इतिश्री कर ली गई।

जांच के दौरान अन्य स्टाफ ने नरेंद्र के खिलाफ बयान दिए थे। जबकि आरोप लगाने वाले परिवार ने पहचानने से इन्कार किया था, इसलिए निलंबित करते हुए दोबारा जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषी के खिलाफ एफआइआर होगी।

- डा.संगीता अनेजा

प्राचार्या, मेडिकल कालेज

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