फीरोजाबाद में सपा ने थामा भाजपा का अजेय रथ

वर्ष 2017 में भाजपा ने ढहा दिया था सपा का अभेद्य किला नगर निगम लोकसभा और विस के उपचुनाव में भी लहराया था परचम।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 05:38 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 05:38 AM (IST)
फीरोजाबाद में सपा ने थामा भाजपा का अजेय रथ
फीरोजाबाद में सपा ने थामा भाजपा का अजेय रथ

डा. राहुल सिंघई, फीरोजाबाद: चार साल पहले सपा के किले को ढहाते हुए चौतरफा जीत की तरफ बढ़ते भाजपा के रथ को सपा ने थाम दिया। जिला पंचायत चुनाव में वर्चस्व बनाए रखने वाली सपा इस बार भी गढ़ बचाने में कामयाब रही। 33 सदस्यों में से सबसे अधिक सीट पर सपा जीतकर बहुमत के नजदीक पहुंच गई। भाजपा सिर्फ पांच वार्ड ही जीत सकी।

वर्ष 2017 के विस चुनाव से पहले जिले में सपा का वर्चस्व था। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव यहां से जीतकर सीएम बने तो अखिलेश यादव पहली बार संसद भी यहीं से पहुंचे थे। जिले में तीन विस और सांसद की सीट भी सपा के खाते में रहीं। वर्ष 2017 में सैफई परिवार की कलह में सपा बिखरी और भाजपा ने किला ढहा दिया। जिले की पांच में से चार सीटें भाजपा के नाम हो गईं। इसके बाद नगर निकाय के चुनाव में भाजपा ने सपा को पछाड़ा और वर्ष 2019 में 21 साल बाद लोकसभा चुनाव भी जीत लिया। पिछली साल टूंडला विस के उपचुनाव में भाजपा की जीत हुई थी। लगातार जीत से गदगद भाजपाई इस बार जिला पंचायत में भगवा लहराने के दावे कर रहे थे, मगर ऐसा हो नहीं सका। सपा 17 सदस्यों (दो निर्दल लड़कर जीते पार्टी सदस्यों सहित) जीत का दावा कर रही है। वहीं 33 प्रत्याशियों में से भाजपा महज पांच वार्ड ही जीत पाई। वहीं भाजपा के दिग्गज परंपरागत सीट भी नहीं बचा पाए। वहीं आखिरी वक्त में बदले परिणाम के साथ बसपा पांच सीटों के साथ भाजपा के बराबर पहुंच गई।

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विपक्षी पाले में खड़े थे अपने, सपा ने कायम रखा जलवा

सैफई परिवार के रिश्तेदार पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव और विधायक हरिओम यादव इस चुनाव में दूसरे पाले में थे। पिछली बार विधायक हरिओम यादव के बेटे विजय प्रताप छोटू और पत्नी रामसखी तथा विधायक रामवीर सिंह यादव के बेटे अमोल यादव व मीरा यादव सपा से जीती थीं। विजय प्रताप जिपं के अध्यक्ष बने। वर्ष 2018 में रामवीर सिंह यादव के भाजपा में जाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने पर अमोल यादव अध्यक्ष बने। इस बार विधायक हरिओम यादव के बेटे विजय प्रताप और पत्नी रामसखी दोनों जीत गए। वहीं पूर्व विधायक रामवीर सिंह के बेटे अमोल और पत्नी मीरा यादव सपा प्रत्याशियों के हाथों पराजित हुए।

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तीन साल छोड़ बाकी समय सपा के पास रही जिपं अध्यक्ष की कुर्सी

1995 : रामसखी यादव सपा- (वर्तमान में प्रसपा के साथ)

2000 : हरिओम यादव सपा- (वर्तमान में प्रसपा के साथ)

2002 : गुड्डी देवी सपा

2005 : रामसिया देवी यादव सपा

2010 : प्रमोद कुमार बसपा (वर्तमान में सपा के साथ )

2013 : रमेश चंद चंचल सपा

2015 : विजय प्रताप यादव छोटू सपा (वर्तमान में प्रसपा के साथ)

2018 : अमोल यादव भाजपा (सपा से निष्कासित होने के बाद भाजपा में आए थे )

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