अंजाम तक नहीं पहुंच सकी इस्तीफा देने वाले अनुदेशकों की जांच

- दस अनुदेशकों ने मानव संपदा पोर्टल पर डाटा नहीं किया था अपलोड - अधिकारी चार माह में शैक्षिक दस्तावेजों का नहीं करा पाए सत्यापन।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:15 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 05:15 AM (IST)
अंजाम तक नहीं पहुंच सकी इस्तीफा 
देने वाले अनुदेशकों की जांच
अंजाम तक नहीं पहुंच सकी इस्तीफा देने वाले अनुदेशकों की जांच

- दस अनुदेशकों ने मानव संपदा पोर्टल पर डाटा नहीं किया था अपलोड

- अधिकारी चार माह में शैक्षिक दस्तावेजों का नहीं करा पाए सत्यापन संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद: शैक्षिक दस्तावेजों की जांच शुरू होते ही इस्तीफा देने वाले दस अनुदेशकों की जांच अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है। चार माह बीत गए, लेकिन विभागीय अधिकारी उनके शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन भी नहीं करा सके।

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियों का मामला प्रकाश में आने पर शासन ने शिक्षक, शिक्षिकाओं, अनुदेशकों और शिक्षामित्रों का डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने का निर्णय लिया था। इस बीच अगस्त में दस अनुदेशकों ने डाटा अपलोड नहीं कराया और विभाग को इस्तीफा सौंप दिया। किसी ने बीमार सास का इलाज कराने तो किसी ने व्यापार करने का तर्क दिया है। बीएसए ने सभी को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए थे, लेकिन किसी ने जवाब देने की जहमत नहीं उठाई। इसके बाद उनके शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराने का निर्णय लिया था। चार माह बीत गए, लेकिन अभी तक जांच अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है। बीएसए डा. अरविद पाठक ने बताया कि बहुत जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। सत्यापन में उलझी मीना और रेनू पर कार्रवाई: एसआइटी के अलावा सीडीओ नेहा जैन की अध्यक्षता में गठित कमेटी भी फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कर रही है। दो माह पूर्व कमेटी से शिकायत की गई थी कि आनंदीपुर करकौली में तैनात दो शिक्षिकाओं ने फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल की है। दोनों शिक्षिकाओं को विगत दिनों सुनवाई के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आईं। बीएसए ने यूपी बोर्ड और विवि के लिए दस्तावेज सत्यापन के लिए भेजे थे, लेकिन वहां से भी अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है।

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