क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस का नंबर गेम, रहेगी नजर

जिले में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने नंबर गेम जारी किया है। सभी ऑटो पर नंबर डालने का काम शुरू कर दिया है। इससे ऑटो में वारदात पर इन पर कार्रवाई की जा सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 12:00 AM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 12:00 AM (IST)
क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस का नंबर गेम, रहेगी नजर
क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस का नंबर गेम, रहेगी नजर

ये होगा फायदा:

दूसरे जिलों में अपराध करके यहां वाहन चलाने वाले बदमाश या तो पकड़े जाएंगे या भाग जाएंगे।

- वाहन चालक यात्रियों के साथ अभद्रता या मारपीट जैसी घटनाएं करने से डरेंगे।

फर्जी नाम, पते एवं बिना पंजीकरण और बीमा के चलने वाले वाहन बंद हो जाएंगे।

केस-1: ठारपूठा निवासी शैलेष कुमार को तीन दिन पहले तेज गति से आ रहे ऑटो ने टक्कर मार दी। इससे उन्हें पैर में काफी चोट लगी। वे पलट कर देख पाते ऑटो जा चुका था। वह उसका नंबर भी नहीं देख पाए।

केस-2: 18 नवंबर को बेटी को टीईटी परीक्षा दिलाकर शिकोहाबाद से लौट रहे एक व्यक्ति का ऑटो में किसी ने पर्स निकाल लिया। उतरने के बाद जानकारी हुई। उन्होंने ऑटो को पकड़ना चाहा, लेकिन वह भाग चुका था। उसके पीछे लिखे नंबर अधूरे थे। जासं, फीरोजाबाद: सवारी ढोने वाले वाहनों से होने वाले क्राइम को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने नंबर गेम शुरू किया है। इससे यातायात व्यवस्था सुधारने में भी मदद मिलेगी। इसके तहत अब सभी सवारी ढोने वाले वाहनों को पंजीकरण के अलावा एक खास नंबर दिया जा रहा है। टूंडला से शिकोहाबाद के बीच हाईवे और शहर में 1200 से अधिक ऑटो और टेंपो हैं। एसएसपी स¨चद्र पटेल ने यातायात निरीक्षक को प्रत्येक वाहन का सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं।

इस तरह काम करेगाफॉर्मूला: जिले में सवारी ढोने वाले वाहनों के तीन केंद्र हैं, फीरोजाबाद, टूंडला और शिकोहाबाद। इनके ऑटो पहले से ही अलग-अलग रंग के हैं। अब इन वाहनों पर क्षेत्रवार अलग से नंबर दिए जा रहे हैं। यह एक से शुरू किए गए हैं। यह इस तरह लिखवाए जाएंगे कि कोई भी आसानी से देख सके। सत्यापन में वाहन का पंजीकरण, बीमा, ड्राइ¨वग लाइसेंस चेक करने के साथ ही पता भी प्रमाणित किया जा रहा है। जो ऑटो गैर जनपद के लोग चला रहे हैं, उनके लिए उसे जानने वाले दो लोगों की गवाही ली जा रही है।

'वाहन की पंजीकरण संख्या याद रखना आसान नहीं होता। हम जो नंबर लिखवा रहे हैं, वह आसानी से दिखेगा और याद रहेगा। कोई हादसा या वारदात होने पर हम नंबर से उस वाहन तक पहुंच सकते हैं'। देवेंद्र शंकर पांडेय, यातायात निरीक्षक।

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