सरकार की तंगी में अटकी डेढ़ करोड़ की मजदूरी

संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद : प्रतिदिन 175 रुपये की मजदूरी की खातिर पसीना बहाने वाले हजारों मनर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Mar 2018 05:40 PM (IST) Updated:Sun, 18 Mar 2018 05:40 PM (IST)
सरकार की तंगी में अटकी डेढ़ करोड़ की मजदूरी
सरकार की तंगी में अटकी डेढ़ करोड़ की मजदूरी

संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद : प्रतिदिन 175 रुपये की मजदूरी की खातिर पसीना बहाने वाले हजारों मनरेगा श्रमिक इन दिनों परेशान हैं। उन्हें एक महीने से मजदूरी नहीं मिली है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। मनरेगा योजना में केंद्र व प्रदेश सरकार की आर्थिक तंगी के चलते उनकी डेढ़ करोड़ से अधिक की मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका है।

वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है, ऐसे में मनरेगा योजना में भी लेबर बजट खर्च करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य तो जिले में पूरा हो गया है, लेकिन लेबर बजट में अभी दो करोड़ से अधिक रुपये और खर्च होना बाकी है। इसके लिए मनरेगा सेल एवं ब्लॉक अपने अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मनरेगा श्रमिक काम करने से कतरा रहे हैं। कारण है कि हजारों श्रमिकों को उनके द्वारा फरवरी में किए गए काम की मजदूरी अब तक नहीं मिली है। मनरेगा सेल के आंकड़ों के अनुसार अभी शासन स्तर से 1.68 करोड़ रुपये की मजदूरी रुकी पड़ी है।

मनरेगा योजना का खजाना कई दिनों से खाली है। मजदूरी खाते में आने की उम्मीद में श्रमिक हर दूसरे तीसरे दिन अपनी बैंक में पहुंच जाते हैं, लेकिन वहां निराश होते हैं तो कई श्रमिक ब्लॉक तक दौड़ लगाते हैं। वहां भी उन्हें ऊपर से मजदूरी का भुगतान न होने की मजबूरी बता दी जाती है। उपायुक्त मनरेगा अशोक कुमार ¨सह का कहना है मजदूरी का भुगतान लखनऊ से सीधे श्रमिकों के खाते में होता है। कुछ समय से बजट की कमी के चलते मजदूरी नहीं आ सकी, लेकिन अब दो, तीन दिन में भुगतान हो जाएगा। ब्लॉकवार अटकी मजदूरी (लाख में)

-अरांव 7.40

-एका 37.35

-फीरोजाबाद 9.09

-जसराना 14.14

-खैरगढ़ 38.59

-मदनपुर 15.09

-नारखी 28.14

-शिकोहाबाद 6.20

-टूंडला 12.82

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