मेडिकल कालेज अस्पताल में कोरोना को लेकर रोगी-तीमारदार लापरवाह
महिला अस्पताल हो या रजिस्ट्रेशन-दवा काउंटर कहीं भी शारीरिक दूरी नहीं सिक्योरिटी गार्ड बने रहते हैं मूक दर्शक संक्रमण फैलने की आशंका से इंकार नहीं।
दृश्य एक: शुक्रवार दोपहर 12 बजे का वक्त। मेडिकल कालेज के महिला अस्पताल में रोगी और गर्भवती महिलाओं की भीड़ लगी थी। भीड़ द्वारा शारीरिक दूरी रखने का पालन नहीं किया जा रहा था। - दृश्य दो: मेडिकल कालेज अस्पताल के रजिस्ट्रेशन और दवा काउंटर पर भी रोगी-तीमारदार बिल्कुल पास-पास खड़े थे। ड्यूटी करने वाले सिक्योरिटी गार्ड शारीरिक दूरी रखने के लिए समझा रहे थे, लेकिन तमाम लोग उनसे बेपरवाह थे।
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- महिला अस्पताल हो या रजिस्ट्रेशन-दवा काउंटर, कहीं भी शारीरिक दूरी नहीं
- सिक्योरिटी गार्ड बने रहते हैं मूक दर्शक, संक्रमण फैलने की आशंका से इंकार नहीं
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: ये दोनों मामले यह साबित करते हैं कि मेडिकल कालेज अस्पताल में रोगी, तीमारदार शारीरिक दूरी का पालन करने की बजाय कोरोना संक्रमण से बेपरवाह हैं। सबसे अधिक बेपरवाही महिला अस्पताल में है।
100 शैय्या अस्पताल के कोविड हास्पिटल में तब्दील होने के बाद महिला अस्पताल को मेडिकल कालेज के पुरुष अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। 100 शैय्या अस्पताल की तुलना में यहां जगह की काफी कमी है। इसके अलावा रोगी, गर्भवती महिलाओं के बीच भी डाक्टर को पहले दिखाने को लेकर होड़ लगी रहती है। ऐसे में ये शारीरिक दूरी रखने का पालन नहीं करतीं। यही हालत रजिस्ट्रेशन और दवा काउंटरों पर रहती है। यहां भी कतार में खड़े होकर कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की बजाय सभी पास-पास खड़े नजर आते हैं। ऐसे में उनके कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। महिला अस्पताल की सीएमएस डा. साधना राठौर ने बताया कि जगह की कमी से दिक्कत है। कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।