सरकार, हैंडीक्राफ्ट के लिए तय करे गैस का कोटा
कोरोना काल के बाद से परेशानी झेल रहे हैं हुनरमंद हस्तशिल्पियों को केंद्र सरकार के बजट से उम्मीद।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कांच नगरी के नाम से देश भर में विख्यात जिला फीरोजाबाद में तमाम ऐसे हुनरमंद हैं, जो घरों में कांच के खिलौने व भगवान की कलात्मक मूर्तियां बना कर अपने परिवार का गुजरा करते हैं। कोरोना काल में तमाम परेशानियों से जूझ रहे हस्तशिल्पियों को सरकार से उम्मीद है कि बजट में कुछ ऐसे प्रावधान होंगे, जिससे हैंडीक्राफ्ट कारोबार को बढ़ावा मिल सकेगा।
सुहाग नगरी में हुनरमंदों की कोई कमी नहीं हैं। कारखानों में कांच की रंग-बिरंगी चूड़ियां, ग्लास, बोतल व कांच के सजावटी आइटम बनते हैं। जिले में 500 से अधिक हस्तशिल्पी हैं जो अपने घरों में गैस की तेज लौ के सामने कांच की राड पिघला कर कांच की कलात्मक मूर्तियां व खिलौने बनाने का हुनर रखते हैं। कोरोना काल में हैंडीक्राफ्ट कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। देश व प्रदेश में लगने वाले मेले व प्रदर्शनी भी बंद हो गईं, जिससे हस्तशिल्पियों के सामने भूखे मरने की नौबत हो गई। प्रमुख हस्तशिल्पियों का कहना है कि हैंडीक्राफ्ट कारोबार अभी तक कोरोना काल से उबर नहीं पाया है। उनको कांच आइटम बनाने के लिए गैस ब्लैक में खरीदनी पड़ रही है। वहीं रा मेटेरियल के रेट बढ़ने से काफी परेशान हैं। सरकार को बजट में हैंडीक्राफ्ट कारोबार को विशेष राहत देने पर विचार करना चाहिए। हैंडीक्राफ्ट उद्योग एक नजर में
500 से अधिक हस्तशिल्पी हैं
4 से 5 करोड़ का सालाना कारोबार
29 केंद्र व राज्य सरकार से पुरस्कृत हस्तशिल्पी - कांच आइटम बनाने के लिए हम लोगों को सालों से ब्लैक में गैस खरीदने को मजबूर हैं। सरकार से उपेक्षा है कि हस्तशिल्पियों के लिए गैस का कोटा निर्धारित किया जाए, जिससे सस्ती गैस मिल सके। - राजन यादव, सुहाग नगर - कोरोना काल में हैंडीक्राफ्ट कारोबार काफी प्रभावित हुआ है, जिससे घरों में काम करने वाले हस्तशिल्पी काफी परेशान हैं। सरकार को हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देने के लिए बजट में ठोस प्रावधान करने चाहिए। - शैलेश कुमार कुशवाहा नगर - कोरोना संक्रमण भले कम हुआ है, लेकिन बाजार में कांच आइटमों की डिमांड काफी कम आ रही है। हस्तशिल्पियों की परेशानी को देखते हुए देश भर में बड़े स्तर मेला व प्रदर्शनी लगाए जाने चाहिए। - दिनेश यादव, इंद्रा नगर - कोरोना काल में हैंडीक्राफ्ट का मार्केट काफी डाउन है। ऐसे में रा मेटेरियल व ग्लास वीड्स के दाम 10 से 15 फीसद बढ़ गए हैं। सरकार को रा मेटेरियल के रेट कम करने को कदम उठाना चाहिए। - मनोज कुमार दौंकेली