बाबू और सेनेटरी इंस्पेक्टर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज

बैंक अकाउंट में लिया वाहन खरीद के भुगतान का कमीशन सीओ करेंगे जांच बाबू पर कसा शिकंजा नगरायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति की शुरू कराई जांच।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:06 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:06 AM (IST)
बाबू और सेनेटरी इंस्पेक्टर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज
बाबू और सेनेटरी इंस्पेक्टर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: वाहन खरीद में कमीशन लेने का मामला उजागर होने के बाद नगर निगम में बड़ी कार्रवाई की है। नगर आयुक्त के आदेश पर सेनेटरी इंस्पेक्टर और बाबू(लिपिक) के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है।

नगर निगम में पिछले महीने चार करोड़ से अधिक धनराशि से वाहन खरीद की गई। इसमें भुगतान में कमीशन लिया गया। इसकी शिकायत कंपनी प्रतिनिधि ने नगर आयुक्त को की थी। सेनेटरी इंस्पेक्टर महेश कुमार ने 70 हजार नगद व 30 हजार रुपये अपनी पत्नी के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कराए थे। वर्कशाप में तैनात बाबू जेपी बघेल ने अपने परिचित के खाते में कमीशन के 20 हजार रुपये ट्रांसफर कराए। नगरायुक्त ने बाबू जेपी बघेल को निलंबित कर दिया है। सेनेटरी इंस्पेक्टर महेश कुमार के निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी है। नगर आयुक्त के आदेश पर जीएम जलकल आरबी राजपूत ने बुधवार देर रात दोनों के खिलाफ उत्तर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। - इंस्पेक्टर की पत्नी व बाबू के परिचित को भी किया नामजद: कमीशन लेने के मामले में सेनेटरी इंस्पेक्टर की पत्नी नूतन सिंह व बाबू के परिचित विजय नगर निवासी योगेंद्र सिंह को भी नामजद किया गया है। जांच अधिकारी सीओ सिटी हरिमोहन ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है। परीक्षण के बाद दोनों को गिरफ्तार किया जाएगा। - आय से अधिक संपत्ति की जांच के आदेश: बाबू जेपी बघेल पर आरोप है कि वे सियासी रिश्तों की दम पर रौब दिखाते थे। एक नामित सभासद ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत भी की थी। जिले के प्रभारी मंत्री तक मामला पहुंचा, लेकिन सियासी रसूख से जांच दब गई। इसकी जानकारी होने पर नगरायुक्त प्रेरणा शर्मा ने बाबू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू करवा दी है। जांच अपर नगरायुक्त को सौंपी गई है। - 11 साल से इंस्पेक्टर और 29 साल से बाबू हैं तैनात:

मूलरूप से मथुरा निवासी सेनेटरी इंस्पेक्टर महेश कुमार 2010 में नगर पालिका में तैनात हुआ था। इसके बाद ननि बन गया। पिछले साल इंस्पेक्टर का सहारनपुर तबादला हुआ था, लेकिन रिलीव नहीं हुआ। आरोपित बाबू जेपी बघेल की नियुक्ति 1993 में नगर पालिका में पंप आपरेटर पर हुई थी। सियासी संपर्क के जरिए निर्माण विभाग में सालों तक लिपिक की कुर्सी पर जमा रहा। निर्माण विभाग में रहते हुए बाबू ने दूसरे के नाम से इंटरलाकिग फैक्ट्री खोल ली और ठेकेदारों के जरिए ननि में ही सप्लाई शुरू करवाई। शिकायतें होने पर पिछले साल निर्माण से हटाकर जलकल भेजा गया। यहां भी शिकायतें होने लगी। इसके बाद वर्कशाप में तबादला कर दिया गया।

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