जीर्णाेद्धार के बाद खिलखिला उठा सिरसा नदी
सिचाई के काम आ रहा पानी बढ़ेगा जलस्तर कोरोना काल में मनरेगा कई महीने चला था काम।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: जिले की 49 ग्राम पंचायतों से गुजरने वाली सिरसा नदी अब खिलखिला रही है। गर्मी के इस मौसम में अक्सर सूख जाने वाली इस नदी में इस बार पानी है। जो सिचाई के काम आ रहा है। आसपास क्षेत्र का जलस्तर बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है। पिछले साल कोरोना काल में मनरेगा से इस नदी के जीर्णोद्धार पर कई महीने काम चला था।
जिले में पांच मौसमी नदियां है। जिनमें बरसात का पानी इकट्ठा होता था। इनमें सिरसा सबसे बड़ी नदी है। सभी नदियां अतिक्रमण की चपेट में थीं। सिरसा नदी ने कई जगह नाले, नाली का रूप ले लिया था तो कहीं यह लुप्त सी हो गई थी। जगह जगह गंदगी और झाड़ियां उगी थीं। 2020 के अप्रैल में कोरोना का प्रकोप बढ़ने के साथ प्रवासी मजदूर गांव लौटे तो उन्हें रोजगार देने के लिए मनरेगा से नदियों की सफाई की योजना तैयार की गई।
प्रशासन ने गांव गांव ग्रामीणों को जाब कार्ड बनवाकर काम दिया। नगर विधायक मनीष असीजा ने खुद सुबह से शाम तक जीर्णाेद्धार कार्य का जायजा लेते। अतिक्रमण जैसी समस्याओं को दूर कराने के लिए उन्होंने विभागों के बीच तालमेल बिठाया। प्रशासन की प्लानिग, मजदूरों की मेहनत और विधायक के प्रयास से नदी जीवित हो उठी। उसके बाद हुई बारिश से इसमें काफी पानी आ गया जो अब तक बना हुआ है।
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-108.52 किमी लंबी है जिले में सिरसा नदी
-2.51 करोड़ रुपये हुए थे खर्च
-1.26 लाख सृजित हुए थे मानव दिवस
-922 प्रवासी मजदूरों को मिला था रोजगार
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15 जून को बिल्टीगढ़ रघोल और बिल्टीगढ़ देवजीत में सिरसा नदी का हाल देखने गया था। नदी में काफी पानी था। उसे देख काफी सुकून मिला। -मनीष असीजा, नगर विधायक