पंचायती राज में आधी आबादी का सशक्तीकरण
ग्राम प्रधान के 564 में से 245 पदों पर किया कब्जा शासन ने सिर्फ 190 पदों पर दिया था आरक्षण कोटा।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: इस बार हुए पंचायत चुनाव में आधी आबादी पूरी ताकत के साथ उभरकर सामने आई है। 564 ग्राम पंचायतों में से 245 में महिला प्रधान निर्वाचित हुई हैं। जो कि कुल पदों का 43 फीसद से अधिक है। जबकि सरकार ने 33 फीसद सीटें ही महिलाओं के लिए आरक्षित की थीं।
महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। सरकारी नौकरी और चुनावों में भी उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है। इस बार पंचायत चुनावों की घोषणा हुई तो जिले में प्रधान के 190 पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए, जो कि 33 फीसद से अधिक है। अच्छी बात ये रही कि जो पद महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं थे। वहां भी आधी आबादी ने अपना दमखम दिखाया।
यूं तो 90 फीसद पदों पर महिलाओं ने नामांकन किया, लेकिन चुनाव जंग में तीन सौ पदों पर ही महिलाएं टक्कर लेती नजर आई। चुनाव के नतीजे आने के बाद ये साबित हो गया है कि गांव की सरकार बनाने में महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं हैं। 50-50 का अंतर होने से महिलाएं सिर्फ सात फीसद पीछे रह गई।
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स्वयं सहायता समूह चलाने वाली महिलाएं भी हुई सशक्त
इस चुनाव में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गांवों में स्वयं सहायता समूह चलाने वाली महिलाएं भी सशक्त होकर उभरी हैं। पंचायत चुनाव में ऐसी 61 महिलाओं ने दावेदारी पेश की थी। इनमें से पांच ने प्रधान, 12 ने बीडीसी और एक ने ग्राम पंचायत सदस्य पद पर जीत हासिल की। वहीं 11 जगह दूसरे स्थान पर रहीं।
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कोरोना के खिलाफ जंग में भी नहीं पीछे
निर्वाचित होने के बाद महिला प्रधान शपथ ग्रहण से पहले ही कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल हो गई हैं। सफाई हो या सैनिटाइजेशन, ब्लाक की टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। निगरानी समितियों की अध्यक्ष होने के बाद बैठकें भी कर रही हैं।