गरीबों की मदद को आदेश का इंतजार
कोरोना काल में गरीबों को राहत देने को मुख्यमंत्री ने की घोषणा भरण पोषण भत्ता देने के संबंध में जारी नहीं हुआ कोई शासनादेश।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कोरोना की दूसरी लहर ने लाखों गरीब मजदूरों की रोजी-रोटी छीन ली, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सरकार ने गरीबों की मदद को हाथ आगे बढ़ाया है, लेकिन सरकारी मदद पाने की पात्रता क्या होगी, इसका अब तक कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ। ऐसे में गरीबों को सरकारी मदद के लिए आदेश का इंतजार करना होगा।
होली के त्योहार के बाद कोरोना संक्रमण ने जिले में पैर पसारना शुरू किया। कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए लाकडाउन होने के साथ ऐसे लाखों मजदूरों की मुश्किल बढ़ गई, जो दिन-रात मेहनत, मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। इसमें सड़कों व ठेलों पर सामान रखकर बेचने वाले हजारों गरीब भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने रविवार को कोरोना काल में गरीबों को राहत देने के लिए शहरी क्षेत्र में दैनिक रूप से ठेला, खोमचा, रेहड़ी आदि लगाने वाले दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों को एक माह के लिए 1000 रुपये भरण पोषण भत्ता देने की घोषणा की, लेकिन गरीबों को भत्ता वितरण के संबंध में कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में लाखों गरीबों के साथ अधिकारी शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं। -ननि सीमा में 13414 स्ट्रीट वेंडर्स हुए चिन्हित:
कोरोना काल में स्ट्रीट वेंडर्स की मदद के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना प्रारंभ की थी। योजना के तहत नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में 13414 स्ट्रीट वेंडर्स चयनित हुए थे। इसमें 9683 स्ट्रीट वेंडर्स का पंजीकरण भी हो चुका है। वहीं 31 मार्च तक 7490 स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण वितरण की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। - शहरी क्षेत्र के किन लोगों को भत्ता दिया जाना है, उनकी पात्रता क्या होगी, इस संबंध में अब तक कोई शासनादेश नहीं मिला है। शासनादेश आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
-विजय कुमार, नगर आयुक्त