सुहागनगरी की नालियों में रोज बह रहा 15 लाख लीटर गंगाजल
शहर में बिछी पानी की पाइप लाइन जगह-जगह हो रही लीकेज प्रेशर कम होने से बढ़ रहा पेयजल संकट कई जगह धंसी सड़कें।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: जेड़ाझाल नहर से घरों तक पहुंचते-पहुंचते हर रोज 15 लाख लीटर से अधिक गंगाजल नालियों में बह जाता है। सुबह-शाम टंकी से आपूर्ति शुरू होते ही सड़कों पर पानी के फव्वारे चलने लगते हैं। इससे कई क्षेत्रों में कम प्रेशर से पानी पहुंचने की समस्या बनी हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह पाइप लाइन का जगह-जगह से लीक होना है।
432 करोड़ की जेड़ाझाल परियोजना के तहत ढाई साल से शहर में गंगाजल की सप्लाई हो रही है। घर-घर गंगाजल पहुंचाने को जल निगम द्वारा शहर में 350 किमी पाइप लाइन बिछाई गई है। जल निगम द्वारा शहर में प्रतिदिन 60-70 लाख लीटर पानी दिया जा रहा है। जो पूरा लोगों तक नहीं पहुंचता। आकाशवाणी रोड पर हर चार कदम की दूरी पर पाइप लाइन लीक है, जिससे पूरे मार्ग पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। मार्ग क्षतिग्रस्त होने से लोगों का पैदल गुजरना भी मुश्किल हो रहा है। साठ फुटा, रानी नगर, कश्मीरी गेट, चिश्ती नगर, मायापुरी, सुदामा नगर, हिमायूंपुर, नगला पचिया, दतौजी, नगला विश्नु सहित अन्य क्षेत्रों में लाइन लीकेज की समस्या बनी हुई है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो शहर में हर रोज होने वाली जलापूर्ति में से लगभग 20 फीसद से ज्यादा पानी लीकेज में बह जाता है।
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एक नजर
70 हजार पेयजल कनेक्शन हैं शहर में
70 लाख लीटर गंगाजल की आपूर्ति रोज होती है शहर में
15 लाख लीटर गंगाजल हो रहा लीकेज में बर्बाद
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- लीकेज ठीक करने में होती है टालमटोली
गंगाजल की लीकेज पाइप लाइन को ठीक करने को लेकर अक्सर जल निगम व जलकल विभाग के अधिकारी टालमटोली करते नजर आते हैं, जिससे कई दिनों तक लीकेज की समस्या दूर नहीं हो पाती। - नई आबादी में खुले कनेक्शन बने समस्या का सबब
शहर से सटी 13 ग्राम सभा व नई आबादी के क्षेत्रों में गली, मुहल्लों में खुले कनेक्शनों से हर रोज पानी की बर्बादी हो रही है। नगर निगम द्वारा पिछले साल अभियान चला कर खुले कनेक्शन बंद कराए गए थे। अब फिर से खुले कनेक्शनों की संख्या बढ़ती जा रही है। - शहर में गंगाजल की बर्बादी रोकने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। खुले कनेक्शन और लीकेज के लिए टीमें गठित कर दी हैं। वहीं शहर में खुले पानी के कनेक्शन बंद कराने को निरंतर अभियान चल रहा है।
- आरबी राजपूत, जीएम जलकल