उद्योगों की सप्लाई पर रोक, मरीजों के लिए बनेगा आक्सीजन बैंक

डीएम ने बिक्री करने वाली फर्मो को दिए स्टाक रखने के आदेश लिक्विड आक्सीजन की आपूर्ति पर भी प्रशासन की नजर।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:46 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:46 AM (IST)
उद्योगों की सप्लाई पर रोक, मरीजों के लिए बनेगा आक्सीजन बैंक
उद्योगों की सप्लाई पर रोक, मरीजों के लिए बनेगा आक्सीजन बैंक

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: जिले में आक्सीजन गैस को लेकर अभी कोई समस्या नहीं है, लेकिन भविष्य की जरूरत और आपात स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने आक्सीजन का स्टाक करना शुरू कर दिया है। इसके लिए सख्ती दिखाते हुए कांच इकाइयों की दी जाने वाली आपूर्ति रोक दी गई है। आक्सीजन की बिक्री करने वाली फर्मो को पर्याप्त स्टाक रखने के आदेश दिए गए हैं।

कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित होने पर संक्रमित में आक्सीजन का लेवल लगातार गिर रहा है। इसके चलते देश भर के अस्पतालों में आक्सीजन का संकट गहरा गया है। कोविड एवं अन्य अस्पतालों में आक्सीजन की कोई कमी न हो इसके लिए शासन प्रशासन सभी जरूरी कदम उठा रहा है। शासन के निर्देश जारी होने के बाद प्रशासन ने शहर की कांच इकाइयों में होने वाली आक्सीजन की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। शहर में आक्सीजन का काम करने वाली सभी छह यूनिट को निर्देश जारी किए हैं कि संक्रमण में हालात काबू में आने तक कारखानों को दी जाने वाली आपूर्ति बंद कर दें। कारखानों से सिलिंडर वापस ले लें और अस्पतालों के लिए स्टाक तैयार करें। इसके साथ ही झारखंड व अन्य राज्यों से आने वाली लिक्विड आक्सीजन की आपूर्ति पर भी निगरानी शुरू कर दी है। कंपनियों को डीएम की ओर से पत्र भेजे गए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट गुलशन कुमार और औषधि निरीक्षक सुनील कुमार को फर्मो की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है। इधर नगर विधायक मनीष असीजा भी आक्सीजन की उपलब्धता पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

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- 1200 सिलिंडर का रहेगा अतिरिक्त स्टाक

डीएम चंद्र विजय सिंह ने अब तक अस्पताल को की जा रही आपूर्ति के अतिरिक्त 1200 सिलिडर का स्टाक रखने के निर्देश दिए हैं। एक सिलिडर में सात से दस घन मीटर गैस आती है। फर्म संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी अस्पतालों द्वारा इस स्टाक में से जितनी गैस ली जाएगी। उतनी गैस 24 घंटे के अंदर फिर से स्टाक की जाए।

नहीं मिल पा रहे हैं खाली सिलिंडर

आक्सीजन के लिए खाली सिलिडर दिल्ली व झारखंड की कंपनियों से आते हैं। कोविड बढ़ने के साथ-साथ खाली सिलिंडर की डिमांड भी बढ़ गई है। हालात यह है कि नए खाली सिलिंडर नहीं मिल रहे हैं। इसलिए संकट गहरा रहा है।

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किसे कितना मिला है लक्ष्य

फर्म --- आक्सीजन सिलिडर की संख्या

- फीरोजाबाद गैस -- 400

-अरोरा गैस -- 100

- ऋषि एंड कंपनी -- 100

- विष्णु गैस एजेंसी -- 200

- प्रेम एयर प्रोडक्ट -- 200

- अमित एंटरप्राइजेज -- 200

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आक्सीजन जेनरेशन प्लांट का विधायक ने किया निरीक्षण

नगर विधायक मनीष असीजा ने मंगलवार को लगातार तीसरे दिन आक्सीजन जेनरेशन प्लांट का निरीक्षण। उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज परिसर में प्लांट निर्माण के साथ ही निर्बाध विद्युत आपूर्ति और गुजरात से आक्सीजन प्लांट मांगने के काम एक साथ चल रहे हैं। मेडिकल कालेज की प्राचार्या संगीता अनेजा, निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर एसपी सिंह उपस्थित रहे।

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ग्लास की कटिग में लगती है आक्सीजन

कांच उद्योग में ग्लास की कटिंग में आक्सीजन का प्रयोग किया जाता है। एक कारखानों में आठ से दस अड्डे चलते हैं। हर अड्डे पर एक सिलिंडर की जरूरत पड़ती है। वहीं कांच के खिलौने बनाने वाले कुटीर उद्योग में आक्सीजन का प्रयोग होता है। आक्सीजन न मिलने के कारण उत्पादन घट रहा है।

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