धवल वस्त्रों में श्रीकृष्ण ने राधारानी संग भक्तों को दिए दर्शन

शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में सजी झांकियां महाआरती के बाद बंटा प्रसाद मंदिरों में गूंजे राधारानी के जयकारे घर-घर हुआ टेसू झांझी का विवाह।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:18 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:18 AM (IST)
धवल वस्त्रों में श्रीकृष्ण ने राधारानी संग भक्तों को दिए दर्शन
धवल वस्त्रों में श्रीकृष्ण ने राधारानी संग भक्तों को दिए दर्शन

संवाद सहयोगी, फिरोजाबाद: बुधवार को शरद पूर्णिमा श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाई गई। मंदिरों में हवन पूजन के बाद शाम को ठाकुर जी ने राधारानी संग धवल वस्त्रों में भक्तों को दर्शन दिए। इस दौरान मंदिर प्रांगण राधारानी के जयकारे गूंजते रहे। रात को चंद्रमा की दूधिया रोशनी में घर-घर टेसू का झांझी के साथ विवाह कराया गया।

शहर के प्रमुख बांके बिहारी मंदिर में धवल वस्त्रों में ठाकुर जी महाराज के दर्शनों को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। शरद पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर प्रांगण रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया। महिलाओं ने मंदिर में श्री कृष्ण और राधारानी के भजन गाए। शाम छह बजे बिहारी जी के दर्शन के लिए मंदिर के पट खुले तो श्रद्धालुओं के जयकारों से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा। महाआरती के बाद श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद वितरित किया गया। मौके पर पंडित मुन्नालाल शास्त्री, रामअवतार शर्मा, सुभाष शर्मा, भगवान सिंह झा, राधेश्याम, समीर शर्मा, रामखिलाड़ी, अजय एडवोकेट, रामनिवास आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।

छोटा चौराहा स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में ठाकुर जी की भव्य झांकी सजाई गई। पंडित विजय उपाध्याय ने महाआरती के बाद ठाकुर जी को खीर का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। इस दौरान मनीष पालीवाल, अनिल पालीवाल, सुभाष पालीवाल, महेश राना, अजय, आशा अग्रवाल, रेखा, रेनू, बीना वर्मा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। द्वारिकाधीश मंदिर और मुहल्ला दुली स्थित श्री राधा मोहन सहित अन्य मंदिरों में भी धूमधाम से शरद पूर्णिमा मनाई गई।

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मंत्रोच्चारण के साथ हुई टेसू-झांझी विवाह की रस्में: बुधवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में टेसू-झांझी के विवाह की धूमधाम रही। रात को चंद्रमा की दूधिया रोशनी में घर-घर में महिलाओं ने बन्ना और बन्नी के गीत गाए। मंत्रोच्चारण के साथ टेसू-झांझी के विवाह की रस्में कराई गईं। सात फेरे पड़ने के बाद खील और बतासे का प्रसाद बांटा। बच्चे घरों, दुकानों चौराहों के आसपास खड़े ठेल से टेसू-झांझी के पैसे मांगने के लिए रात में झुंड के रूप में निकले। महिलाओं ने परंपरा के अनुसार खीर बनाकर घर के आंगन में रखी।

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टेसू झांझी खरीदने को उमड़ी भीड़: शरद पूर्णिमा पर टेसू-झांझी का विवाह कराने की परंपरा है। बुधवार शाम सुहागनगर, कोटला रोड, रामलीला मैदान चौराहा, रसूलपुर, आसफाबाद पर सजाई गई दुकानों पर टेसू झांझी खरीदने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। 25 रुपये से लेकर 1100 रुपये तक टेसू और 40 रुपये से लेकर दो सौ रुपये तक झांझी की बिक्री हुई।

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