जलभराव से फसलों का गलना शुरू
मौके पर पहुंचे सदर विधायक डीएम दो जेसीबी से नहर की सफाई का कार्य कराया शुरू नौ दिन पूर्व दशकों से बंद पड़ी नहर में आया था उफान आधा दर्जन गांवों में बनी मुसीबत।
संवाद सहयोगी, एका: दशकों से बंद पड़ी नहर में नौ दिन पूर्व आया पानी का उफान किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। खेतों में कई दिन से जलभराव होने से फसलें गलने के कगार पर पहुंच गई है, तो गांवों में गलियों से निकलना दुश्वार हो गया है। रविवार को मौके पर पहुंचे सदर विधायक और डीएम ने नहर की सफाई का कार्य शुरू कराया। दोपहर में भाजपा जिलाध्यक्ष भी किसानों की पीड़ा सुनने के लिए पहुंचे।
जिला अलीगढ़ के नानऊ गांव से शुरू होकर एका के देवा गांव तक करीब 50 किमी लंबी नहर है। दशकों पूर्व सिचाई विभाग ने इसे अनुपयोगी घोषित कर दिया था। तब से इसे खारिज नहर के नाम से जाना जाता है। इसी नहर के समानांतर ही हजारा नहर है। नौ दिन पूर्व बरसात होने से हजारा नहर की पटरी टूट गई थी। जिसके कारण दशकों से बंद पड़ी नहर में पानी का उफान आ गया था। जिसके कारण गांव देवा, प्रेमपुर, मछरियाची, जेड़ा, जैतपुर, नगला पाय, सरबपुर सहित आसपास गांव के किसानों के खेतों में खड़ी सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न होने के साथ गांवों में जलभराव हो गया। पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से फसलें गलने के कगार पर पहुंच गई हैं।
रविवार सुबह 11 बजे सदर विधायक मनीष असीजा मौके पर पहुंचे। उन्होंने हालात देखते हुए उप्र सिचाई विभाग के मुख्य अभियंता निरंजन कुमार, रामगंगा के चीफ जीसी अग्रवाल को फोन कर अवगत कराया। इसके कुछ समय बाद डीएम चंद्र विजय सिंह, सिचाई विभाग के एक्सईएन जितेंद्र सिंह भी पहुंच गए। उन्होंने दो जेसीबी मंगाकर नहर की सफाई कार्य शुरू कराया। सदर विधायक ने बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए शासन को अवगत करा दिया है। उन्होंने किसानों के नुकसान की भरपाई करने के लिए डीएम और एसडीएम से बात की।
पूर्व सांसद ने भी जाना किसानों का हाल:
रविवार को सपा के पूर्व सांसद अक्षय यादव, एमएलसी डा. दिलीप यादव सहित अन्य सपा नेताओं के साथ गांवों में पहुंचे। उन्होंने किसानों और ग्रामीणों को उक्त समस्या से छुटकारा दिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान इंजीनियर सचिन यादव, शिव प्रताप यादव, झब्बू यादव भी साथ रहे।