अधूरा रह गया जल्दी घर लौटने का बेटियों का वादा

सुबह सात बजे इटावा से बस से निकली थीं दोनों सहेलियां वापस लौट रहीं थीं घर - 2019 में बीटीसी में हुआ था चयन डायट पर जमा करना था प्रशिक्षण प्रमाण पत्र।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 06:04 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 06:04 AM (IST)
अधूरा रह गया जल्दी घर लौटने का बेटियों का वादा
अधूरा रह गया जल्दी घर लौटने का बेटियों का वादा

- सुबह सात बजे इटावा से बस से निकली थीं दोनों सहेलियां, वापस लौट रहीं थीं घर

- 2019 में बीटीसी में हुआ था चयन, डायट पर जमा करना था प्रशिक्षण प्रमाण पत्र संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद: गुरुवार सुबह सात बजे तृप्ति चौधरी और किरन राजपूत अपने स्वजनों से घर जल्द वापस आने का वादा कर इटावा से निकलीं थीं, लेकिन अब कभी वापस नहीं लौटेंगी। हादसे के कई घंटे बाद दोनों बेटियों के घर पर जब हादसे की खबर पहुंची तो कोहराम मच गया।

इटावा के कटरा साहब मुहल्ला निवासी तृप्ति चौधरी और रामलीला रोड स्थित राजपूत कालोनी निवासी किरन का 2019 में बीटीसी में चयन हुआ था। तृप्ति के मामा हरगोपाल ने बताया कि व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिए दोनों को प्राथमिक विद्यालय कायथा मिला। दोनों सहेलियां बस से फीरोजाबाद तक साथ आती थीं और कोटला चुंगी से आटो में स्कूल जाती थीं।

-- तृप्ति के जाने के बाद अकेली रह गई मां: हरगोपाल ने बताया कि तृप्ति के पिता कृष्णकांत का दस साल पहले निधन हो गया था। दो बहनों की शादी के बाद सबसे छोटी बहन तृप्ति मां सुनीता के साथ रहती थी। शिक्षक बनकर मां के साथ वह सुनहरे सपने देखे थे, मगर एक झटके में सब कुछ खत्म हो गया।

ड्यूटी पर जाने से पहले विदा हो गई बेटी किरन: किरन के पिता जितेंद्र राजपूत बीएसएफ में एसआइ हैं और महाराष्ट्र में तैनाती है। दीपावली की छुट्टी पर आए जितेंद्र को दो दिन बाद वापस लौटना था। मोर्चरी पर पत्नी, बेटे और बेटी के साथ पहुंचे जितेंद्र सिंह की आंखों से जार-जार आंसू बह रहे थे।

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