जसराना में खेत पर सो रहे किसान की हत्या

चारपाई पर मिला खून से सना शव ग्रामीणों की भीड़ जुटी डाग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने जुटाए सुबूत मुकदमा दर्ज।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 06:44 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 06:44 AM (IST)
जसराना में खेत पर सो रहे किसान की हत्या
जसराना में खेत पर सो रहे किसान की हत्या

संवाद सहयोगी, जसराना: खेत में लगे ट्यूबवेल पर पेड़ के नीचे सो रहे किसान की रविवार रात अज्ञात हमलावरों ने नुकीले हथियार से गोदकर हत्या कर दी। सोमवार सुबह चारपाई पर पड़े रक्तरंजित शव को देख चीखपुकार मच गई। एसपी ग्रामीण भी डाग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम के साथ वारदात स्थल पर पहुंचे।

गांव खड़ीत निवासी 52 वर्षीय यादराम गांव से आधा किमी दूरी पर स्थित अपने खेत पर बने ट्यूबवेल पर सोते थे। रविवार रात एक बजे वह सोने आए थे। सोमवार सुबह पांच बजे वह मृत हालत में मिले। सूचना पर सभी स्वजन और ग्रामीणों की भीड़ पहुंच गई। इंस्पेक्टर जसराना जितेंद्र कुमार द्विवेदी और पाढ़म पुलिस चौकी के प्रभारी आदित्य कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ देर में ही एसपी ग्रामीण डा. अखिलेश नारायण सिंह व सीओ कमलेश कुमार भी वारदात स्थल पर पहुंच गए। साक्ष्य एकत्रित करने के बाद शव को पोस्टमार्टम गृह भिजवाया गया। एसपी ग्रामीण ने बताया कि किसान की नुकीले हथियार से हत्या की गई है। शराब की बोतल और खून से सना गमछा मिला है। आशंका है कि हत्यारों ने शराब पीने के बाद हत्या की और बाद में गमछा से खून के सने हाथ पोंछे होंगे। मृतक के भतीजे रामनिवास पुत्र दलवीर सिंह की तहरीर पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यादराम आठ लड़के-लड़कियों के पिता थे। इनमें से छह शादीशुदा हैं। एक लड़का उदयवीर नागपुर में आर्मी में हैं।

- भाई की पुत्रवधू लड़ रही है प्रधान का चुनाव: यादराम के भाई नरेश कुमार की पुत्रवधू नीरजा यादव गांव से प्रधान पद का चुनाव लड़ेंगी। रविवार रात व गांव में उसका प्रचार करने गए थे। रात एक बजे घर लौटने के बाद वह खेत पर सोने चले गए। - अंत्येष्टि के लिए दो बेटों की जेल से रिहाई : शनिवार को यादराम के पुत्र राजू व संतोष के बीच मारपीट हो गई थी। पुलिस ने शांति भंग की धारा में दोनों के खिलाफ कार्रवाई की थी। एसडीएम कुमार चंद्र जबालिया के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया था । सोमवार को पिता की हत्या होने पर एसडीएम ने उन्हें जमानत दी। दोपहर में दोनों जेल से बाहर आए और पिता की अंत्येष्टि में शामिल हुए।

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