प्रेमिका से शादी के लिए पत्नी को गंगनहर में दे दिया था धक्का
मिलने के बहाने फोन कर मायके से बुलाई थी पत्नी पुलिस ने किया पर्दाफाश गाजियाबाद के मसूरी थाना पुलिस ने लावारिस मान कर दिया था अंतिम संस्कार।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: 25 मार्च को मायके से पति के फोन पर निकलने के बाद गायब हुई विवाहिता की हत्या उसके पति ने ही की थी। मंगलसूत्र दिलाने के बहाने ले जाने के बाद गाजियाबाद के गंगनहर में उसे धक्का देकर भाग गया। पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए मथुरा निवासी पति को गिरफ्तार कर लिया है। उसने कुबूल किया कि प्रेमिका से शादी करने के लिए उसने पत्नी को रास्ते से हटाया था।
नारखी के सिंहपुर निवासी अंबिका की शादी पिछले साल दिसंबर में मथुरा बल्देव थाना क्षेत्र के गांव बंदी निवासी अजय प्रताप सिंह से हुई थी। मायके में रह रही अंबिका को 25 मार्च की दोपहर को अजय प्रताप ने फोन करके मिलने के लिए रजावली चौराहे पर बुलाया। उसके बाद अंबिका घर नहीं लौटी। मायके वालों ने पति पर शक जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई।
एसएसपी अजय पांडे ने बताया कि सर्विलांस टीम लगातार सुराग लगाती रही है। अजय प्रताप के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने गुनाह कुबूल कर लिया। उसने बताया कि वह बागपत की युवती से प्यार करता था। परिवार के दवाब में उसने शादी की। 25 मार्च को रजावली चौराहे पर पत्नी को बुलाने के बाद बाइक से उसे ले गया और गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में गंगनहर में धक्का देकर वहां से भाग गया। इसके बाद पुलिस टीम ने गाजियाबाद के मसूरी थाना पुलिस से संपर्क किया गया। वहां पुलिस ने बताया कि 30 मार्च को महिला का शव बरामद हुआ था। 72 घंटे तक शिनाख्त न होने पर अंतिम संस्कार कर दिया। अंबिका की बहन और भाई ने कपड़ों के आधार पर शिनाख्त कर ली। आरोपित को हत्या के मामले में जेल भेजा गया है। मामले का पर्दाफाश करने वाले सर्विलांस टीम के इंचार्ज एसआइ हरवेंद्र मिश्रा और थाना पुलिस टीम को 20 हजार का इनाम दिया गया है।
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पुलिस को करता रहा गुमराह
मायके वालों द्वारा शक जताने पर नारखी पुलिस ने अजय प्रताप से दो बार पूछताछ की, लेकिन वह गुमराह करता रहा। उसका कहना था कि अंबिका का मंगलसूत्र खो गया था, जिस पर वह 25 मार्च को बस से आया और उसे पांच हजार रुपये देकर लौट गया था।
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प्रेमिका को नहीं लगने दी शादी की भनक
आरोपित ने बताया कि उसने अपनी शादी की भनक अपनी प्रेमिका को नहीं लगने दी। वह अब उससे शादी की तैयारी में था।