निर्माण पर लगा ब्रेक लगने से श्रमिकों के हाथ खाली
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना के बढ़ते संकट के चलते शासन ने 10 मई तक बंदी की घो
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना के बढ़ते संकट के चलते शासन ने 10 मई तक बंदी की घोषणा कर दी है। निर्माण सामग्री की दुकानों में तालाबंदी के चलते निर्माण ठप हो गया है। ऐसे में मजदूरों और मिस्त्रियों के सामने दो जून की रोटी का संकट गहरा गया है। वहीं, बिक्री न होने से सरिया, सीमेंट, टाइल्स, गिट्टी, मौरंग आदि के दुकानदार भी खासे परेशान हैं।
कोरोना संकट के चलते बाजार बंदी का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। बाजारबंदी के चलते श्रमिकों के सामने घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। असल में निर्माण सामग्री की दुकानें बंद होने और सामान न होने के चलते भवन निर्माण करवा रहे लोगों ने कामकाज ठप कर दिया है। कोरोना संकट के बाद बाजारबंदी का असर सरकारी और गैर सरकारी निर्माण में असर पड़ रहा है। अर्ध निर्मित भवनों में मजदूरों की चहलकदमी नहीं दिखाई दे रही है।
गेहूं कटाई से खाली हुए मजदूर
मार्च से लेकर अप्रैल तक के इन दिनों निर्माण से मजदूर दूरी बनाकर गेहूं की कटाई में हाथ बंटाते हैं। असल में इस मेहनताने के चलते उन्हें साल भर का अन्न मिल जाता है। दिहाड़ी से अन्य खर्चे पूरे करते हैं। लदिगांव के मिश्रीलाल, सहिबाजपुर के रामसेवक, त्रिलोकीपुर के सुहावन कहते हैं कि गेहूं कतराई से अब वह खाली हो गए हैं तो काम नहीं मिल रहा है। इसके चलते वह घरों में बैठे हुए हैं। संक्रमण के भय के चलते बना रहे दूरी
कोरोना संक्रमण के चलते मजदूर भी दूरी बना रहे हैं तो भवन निर्माण करवाने वाले भी डर रहे हैं। इसके चलते काम में दिनों दिन ब्रेक लगता जा रहा है। इस रफ्तार से संक्रमण का खतरा बढ़ा है उसी गति से भवन स्वामियों ने निर्माण को बंद भी करा दिया है।