पिछले वर्ष की दहशत से सुरक्षित लौट आए गांव

जागरण संवाददाता फतेहपुर गैर प्रांत से प्रवासियों का लौटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 05:48 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 05:48 PM (IST)
पिछले वर्ष की दहशत से सुरक्षित लौट आए गांव
पिछले वर्ष की दहशत से सुरक्षित लौट आए गांव

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : गैर प्रांत से प्रवासियों का लौटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। प्रवासियों को इस बात का डर सता रहा है कि कोरोना संक्रमण की वजह से अभी नाइट क‌र्फ्यू लगा है यदि लॉकडाउन लग गया तो जाने के लिए साधन भी नहीं मिलेगा। गुरुवार को 319 प्रवासी बोरिया बिस्तर बांधकर गृह जनपद आ गए। चिकित्सकय टीम के स्टेशन पर न होने से से प्रवासी बिना जांच कराए ही ई-रिक्शा में सवार होकर चले गए।

लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिसंबर 2020 को प्रवासी पंजाब प्रांत के लुधियाना, सूरत, दिल्ली व जयपुर काम के सिलसिले में चले गए थे। गुरुवार को ऊधमपुर-प्रयागराज एक्सप्रेस से सुबह 11:40 बजे पर 268 प्रवासी जनरल और स्लीपर बोगी में सवार होकर अपने गृह जनपद आ गए। नार्थईस्ट व पुरी एक्सप्रेस में सवार होकर 19 प्रवासी दिल्ली से आए जबकि इसके बाद जोधपुर हावड़ा से 31 प्रवासी आए। खास बात ये रही कि रेलवे स्टेशन गेट पर कोरोना संक्रमण जांच के लिए चिकित्सकीय टीम नदारद रही।

अब तक आ चुके 2000 प्रवासी

इसके पूर्व मुंबई, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, जोधपुर से अब तक करीब 2000 प्रवासी अपने गृह जनपद आ चुके हैं। स्टेशन अधीक्षक आरके सिंह का कहना था कि कोरोना संक्रमण के डर से गैर प्रांतों से प्रवासियों के आने का सिलसिला बढ़ रहा है। जांच के लिए तीन शिफ्टों में चिकित्सकीय टीम चौबीस घंटे मुस्तैद रहती है लेकिन टीम बीच बीच में नाश्ता व दोपहर को खाना खाने के लिए चली जाती है। 40 टिकटों से 35 हजार रिफंड

कोरोना संक्रमण की वजह से अब 35 से 40 रिजर्वेशन टिकट निरस्त कर करीब 35 हजार रुपयों का रुपयों का रिफंड भी किया गया है। दूर दराज जाने वाले यात्रियों की संख्या अब न के बराबर रह गई है। आस पास के जिले वाले यात्रियों का ही आवागमन हो रहा है।

योगेंद्र राय, पर्यवेक्षक रेलवे आरक्षण केंद्र सफर में प्रवासियों का छलका दर्द

पंजाब प्रांत के लुधियाना में कपड़ा फैक्ट्री में काम करता है। दिसंबर में वह काम के सिलसिले में गया था लेकिन वहां रात्रि क‌र्फ्यू लग जाने से संक्रमण के भय में लौट आया।

- कुलदीप, सातों नरैनी असोथर। लुधियाना स्थित फैक्ट्री में कपड़ा धुनाई का काम करता है। अभी वहां गए पांच माह भी नहीं हुए फिर कोरोना का भय सताने लगा इसलिए 310 रुपये किराया देकर लौटा है।

-नीरज, अकबरपुर बड़वा किशुनपुर। कपड़ों की सिलाई का काम मिल गया था। काम करने में चार माह बीत गए और अब पांचवे महीने में वह इसलिए आ गया है कि नाइट क‌र्फ्यू के बाद कहीं लॉकडाउन न लग जाए।

- असई का पुरवा, हुसेनगंज। पंजाब प्रांत के लुधियाना जिले के जमालपुर स्थित सरिया फैक्ट्री में काम करता है। उसके साथी आ रहे थे तो वह भी संक्रमण के डर से वापस आ गया है। केंद्र सरकार को किराया माफ कर देना चाहिए।

- संजय, नोहदा कौशांबी।

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