फतेहपुर में मुआवजा न मिलने पर ग्रामीणों ने हथगाम मार्ग किया जाम
संवाद सूत्र हुसेनगंज (फतेहपुर) क्षेत्र के कंधई का पुरवा मजरे गनेशपुर गांव में रविवार र
संवाद सूत्र, हुसेनगंज (फतेहपुर): क्षेत्र के कंधई का पुरवा मजरे गनेशपुर गांव में रविवार रात मिट्टी लदा डंपर पलटने से मरी चार भैंसों के मुआवजे को लेकर सोमवार दोपहर ग्रामीणों ने फतेहपुर-हथगाम मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। मार्ग अवरुद्ध होने पर पहुंचे एसओ ने कार्रवाई का आश्वासन देकर एक घंटे में जाम खुलवाया।
पीली मिट्टी लदा डंपर विद्युत पोल से टकराकर कंधई का पुरवा निवासी होरीलाल के दरवाजे पलट गया था। जिससे घर के बाहर बंधी चार भैंस दबकर मर गई थी। गुस्साए ग्रामीणों ने पालतू भैंस मालिक के साथ रविवार रात भी जाम लगाया था लेकिन पुलिस के समझाने पर शांत हो गए थे। सोमवार दोपहर तक डंपर चालक पर कोई कार्रवाई न होने पर ग्रामीण फिर नाराज हो गए और भैंस मालिक के साथ रोड पर पहुंचकर मरी भैंस के शवों को रख जाम लगा दिया।
एसओ सत्येंद्र सिंह भदौरिया मय फोर्स मौके पर पहुंचे। भैंस मालिक होरीलाल व ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि तहरीर मिलने पर डंपर चालक पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा और मुआवजा दिलाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। तब तक भैंसों का पोस्टमार्टम कराया जाए। पुलिस के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए। एसओ ने कहा कि डंपर गाड़ी को कब्जे में ले लिया गया है, तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
प्रधान ने नहीं सुनी तो चंदा कर बनाया रास्ता
संवाद सूत्र, हथगाम: आबादी के अंदर पंद्रह साल पहले लगवाए गए खड़ंजा की हालत बेहद खराब हो चुकी थी। नालियों से उफनाकर गंदा पानी रास्ते में बह रहा था। इधर से निकलने में लोग कतराते थे। छोटे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग कई बार कीचड़ भरे रास्ते में आवागमन के दौरान गिरकर चुटहिल हो गए।
ब्लाक क्षेत्र के सरौली ग्राम सभा में 30 मीटर रास्ते को लेकर ग्रामीण बेहद परेशान थे। कई बार ग्राम प्रधान व ब्लाक कार्यालय में शिकायत देने के बाद भी रास्ते की मरम्मत नहीं हुई। ग्रामीणों ने समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए जो किया, वह दूसरे लोगों के लिए नजीर बन गया। मोहल्ले के रहने वाले पारस, सोनू सविता, दिनेश मौर्य, कल्लू टेलर, बजरंगीलाल आदि ग्रामीणों ने मिलकर 25 हजार रुपये चंदा एकत्र करके सड़क मरम्मत शुरू कराया। पुराने खड़ंजा की ईंटे उखाड़कर ग्रामीणों ने सोनू सविता के दरवाजे से बजरंगी के दरवाजे तक मिट्टी पुराई कर डाली। पुरानी ईंटों के साथ नई ईंट मंगवाकर ग्रामीणों ने रास्ते पर नया खड़ंजा लगा दिया। जलभराव की समस्या न पैदा हो, इसके लिए ग्रामीणों ने नए रास्ते पर नाली निर्माण कराते हुए उसे पुरानी नाली से जोड़ दिया।