जैविक खेती से बढ़ा मान, दो हजार किसानों ने गढ़ा कीर्तिमान

जागरण संवाददाता फतेहपुर खेती में रासायनिक खादों के बढ़ते प्रयोग ने न सिर्फ भूमि की उर्वर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 11:17 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 11:17 PM (IST)
जैविक खेती से बढ़ा मान, दो हजार किसानों ने गढ़ा कीर्तिमान
जैविक खेती से बढ़ा मान, दो हजार किसानों ने गढ़ा कीर्तिमान

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: खेती में रासायनिक खादों के बढ़ते प्रयोग ने न सिर्फ भूमि की उर्वरा शक्ति छीनीं हैं, बल्कि उपजाई गई फसल ने सेहत पर भी संकट खड़ा किया है। खेती को नये आयाम देने के लिए जैविक खेती विकल्प बनकर उभरी है। जिले में बीते एक वर्ष में जैविक खेती का न सिर्फ मान बढ़ा है, बल्कि किसानों ने जैविक फसलें उगाकर कीर्तिमान भी गढ़ा है। जैविक खेती करने वाले दो हजार किसानों को नमामि गंगे योजना के तहत सवा दो करोड़ का कृषि निवेश निश्शुल्क प्रदान किया गया है।

नमामि गंगे योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ाना देने के क्लस्टर खेती शुरू की गई है। गंगा किनारे के गांवों में 40 क्लस्टर बनाए गए हैं। हर क्लस्टर में 50 किसानों की ढाई-ढाई बीघे भूमि को जैविक फसल उत्पादन के लिए चुना गया है। किसानों को क्लस्टर में सिर्फ और सिर्फ जैविक खेती ही करने का प्राविधान बनाया गया है। ऐसे में अकेले गंगा किनारे के गांवों में पांच हजार बीघे भूमि पर जैविक खेती शुरू हो गई है। खास बात यह है कि जैविक खेती में गेहूं, धान, सब्जी, फल की खेती की जा रही है। जैविक फसल का उत्पादन इसलिए फायदे का सौदा है यह फसल आम फसल से ज्यादा मूल्य पर बिक रही है।

टेनी के लालमणि ने उगाया काला गेहूं

फतेहपुर: टेनी गांव के लालमणि ने जैविक खेती के तहत काला गेहूं तैयार किया है। इस गेहूं की मांग और डिमांड लगातार बढ़ रही है। कृषि अधिकारी बृजेश सिंह बातते हैं कि काला गेहूं जैविक फसल है। खासियत यह है इसमें सुगर की मात्रा अन्य गेहूं से कम होती है। बाजार में इसकी कीमत 50 रुपये किलो आसनी से मिल जाती है।

सब्जी का क्लस्टर में लौकी व प्याज

फतेहपुर: शिवराजपुर गांव में बीरेंद्र यादव ने 50 किसानों के क्लस्टर में खेती शुरू की है। इस क्लस्टर में पालक, लौकी, प्याज, परवल, कद्दू, जैसी जैविक खेती के रूप में उगाई है। इन सब्जियों का मूल्य अन्य सब्जियों की अपेक्षा ज्यादा मिलता है। खास बात यह है कि लागत भी कम आती है। अब किसान इसे अपना रहे हैं। सवा दो करोड़ की दी सहायता: उप निदेशक कृषि

उप निदेशक कृषि प्रसार राम मिलन सिंह परिहार ने बताया कि जिले में क्लस्टर आधारित जैविक खेती कराई जा रही है, एक वर्ष में दो हजार किसान इस खेती से जोड़े गए हैं। इन्हें कृषि निवेश के रूप में 96 लाख और वर्मी कंपोस्ट पिट के लिए एक रोड की पूंजी बांटी गई है। साथ ही 20 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप मे बांटे गए है। जिलाधिकारी बोलीं

जैविक खेती किसानों के लिए फायदे की खेती है, हमारा प्रयास है कि उत्पादित फसलों का मार्केट लिकेज भी कराया जाए। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। किसान ज्यादा से ज्यादा जैविक खेती को अपनाकर मुनाफा कमाएं।

अपूर्वा दुबे डीएम

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