डंपिग प्वाइंट है नहीं, जहां मन आया फेंक दिया कूड़ा
जागरण टीम फतेहपुर शहरी स्वच्छता की जिम्मेदारी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के
जागरण टीम, फतेहपुर : शहरी स्वच्छता की जिम्मेदारी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के कंधे पर है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन योजना भी संचालित है। इसके बावजूद जिला मुख्यालय सहित तहसील और कस्बों में गंदगी फैली रहती है। जिला मुख्यालय और बिदकी में नगर पालिकाएं तथा बहुआ, किशुनपुर, खागा, हथगाम, किशुनपुर, जहानाबाद तथा हाल ही में असोथर को नगर पंचायत का दर्जा मिल चुका है। स्वच्छता के तमाम दावे नगरों की मुख्य सड़कें खोल रही हैं। जिनको निकाय प्रशासन की ओर से डंपिग प्वाइंट बनाया गया है। स्वच्छ भारत मिशन, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन योजना परवान नहीं चढ़ पाई है। निश्शुल्क की कौन कहे सशुल्क योजनाएं भी औंधे मुंह गिरी पड़ी हैं। सीन-1
सदर नगरपालिका
सदर नगर पालिका में वर्ष 2009 में कूड़ा प्लांट लगाया गया था जो कि वर्ष 2016 से बंद पड़ा है। मैटेरियल रिकवरी सेंटर संचालित नहीं है। शहर से निकलने वाला 60 मीट्रिक टन कूड़ा कचरा शहर के मुख्य मार्गों के किनारे डंप किया जाता है। शहर के मुख्य मार्ग भी डंपिग प्वाइंट बने हुए हैं। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन योजना औंधे मुंह गिरी पड़ी है। कूड़ा प्लांट जर्जर हो गया है तो एमआरएफ सेंटर सुस्ती के चलते नहीं चल पाया है। अधिशासी अधिकारी मीरा सिंह ने कहाकि एमआरएफ सेंटर के संचालन के बाद स्वच्छता परवान चढ़ेगी। सीन-2
किशुनपुर नगर पंचायत
नगर पंचायत में अर्सा पुरानी व्यवस्था पर कूड़ा प्रबंधन टिका हुआ है। घरों और प्रतिष्ठानों से निकलने वाला कूड़ा खाली प्लाटों और जगहों में डंप किया जाता है। वहीं इन कूड़ा घरों में सुअरों का आतंक बना रहता है। यह जानवर कूड़े के ढेर को फैला देते हैं जिसके चलते रास्ते से गुजरने वालों को मुंह में रुमाल आदि रखकर दूरी नापनी पड़ती है। नगर पंचायत क्षेत्र में न तो यार्ड है और न ही एमआरएफ सेंटर जैसी सुविधा मिल पाई है। अधिशासी अधिकारी अजय पांडेय ने बताया कि कूड़ा प्रबंधन में साफ सफाई की व्यवस्था पूरी लगन के साथ कराई जाती है। शासन से एमआरएफ और कूड़ा प्लांट की सुविधा नहीं मिल पाई है। सीन-3
नगर पंचायत जहानाबाद
नगर पंचायत में स्वच्छता अभियान परवान नहीं चढ़ पा रही है। नगर पंचायत से निकलने वाले कूड़ा को यार्ड तक मुहैया नहीं हो पाया है। वहीं, कूड़े-कचरे को दारागंज मुहल्ले के तालाब के पास फेंका जा रहा है। इससे तालाब का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। जानवरों के द्वारा पीने पर बीमारी का खतरा मंडराया करता है। इसके अलावा अन्य जगहों में कूड़ा फेंक कर नगर पालिका इतिश्री कर रही है। गंदगी को लेकर आए दिन लोगों के द्वारा आवाज उठाई जाती है। अधिशासी अधिकारी कुलवंत सिंह ने कहाकि श्रमिकों के माध्यम से सफाई व्यवस्था कराई जाती है। कर्मचारियों की कमतर संख्या और संसाधन परेशानी खड़ी कर रहे हैं। शासन को पत्र भी लिखे गए हैं। सीन-4
बहुआ, नगर पंचायत
आदर्श नगर पंचायत का तमगा लेने के बाद भी पुराने ढर्रे पर सफाई व्यवस्था चल रही है। जो काम दस साल पहले हुआ करता था वहीं काम हो रहा है। ललौली जाने के रास्ते में पड़ने वाले तालाब के किनारे कूड़ा डाला जाता है। इससे लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ती है। वहीं शहर के सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। खाली प्लाटों में कूड़ा और नालियों में जमा सिल्ट परेशानी का सबब बनी हुई है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम भी ठीक नहीं है जिसके चलते जलभराव की समस्या रहती है। अधिशासी अधिकारी राजकुमार ने बताया कि सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के प्रयास होते हैं। नई व्यवस्था में यार्ड, कूड़ा डंपिग प्वाइंट आदि का चयन नहीं हुआ है।
खागा नगर पंचायत ने एमआरएफ में बाजी मारी
शासन के द्वारा सदर और बिदकी तथा नगर पंचायत में खागा को एमआरएफ-मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर का तोहफा दिया गया है। खागा नगर पंचायत में एमआरएफ सेंटर ने काम करना शुरू कर दिया है जबकि शहर में बनकर तैयार हो गया है और बिदकी में अभी निर्माण नहीं शुरू हो पाया है।