मौरंग खनन नियमों की अनदेखी में पट्टंाधारक पर तीसरी बार मुकदमा

जागरण संवाददाता फतेहपुर मौरंग खदान अढ़ावल-11 में नियम तोड़ने और शर्तो के उल्लंघन प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:23 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 11:23 PM (IST)
मौरंग खनन नियमों की अनदेखी में पट्टंाधारक पर तीसरी बार मुकदमा
मौरंग खनन नियमों की अनदेखी में पट्टंाधारक पर तीसरी बार मुकदमा

जागरण संवाददाता, फतेहपुर :

मौरंग खदान अढ़ावल-11 में नियम तोड़ने और शर्तो के उल्लंघन पर पट्टा धारक रत्‍‌ना जादौन के खिलाफ ललौली थाने में मंगलवार को खनिज विभाग ने मुकदमा कराया है। नियम तोड़ने को लेकर रत्‍‌ना जादौन पर तीसरी बार मुकदमा हुआ है। अढ़ावल-11 में पोकलैंड मशीनें लगा जलधारा से खनन का भंडाफोड़ दैनिक जागरण ने 14 जून के अंक में किया था। इसके बाद प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय हुई। राजस्व व खनिज टीमों ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की तो हकीकत सामने पाई।

जिले के खनिज इंस्पेक्टर छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी जगह पर खनन निदेशक कानपुर के खनिज अधिकारी केबी सिंह को जिले में संबद्ध किया है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर आशीष सिंह के साथ मौके पर जाकर जांच पड़ताल की और रिपोर्ट डीएम को सौंपी। इसके बाद शाम को प्रशासन ने अढ़ावल-11 के पट्टा धारक के खिलाफ मुकदमा कराया। राजस्व व खनिज विभाग की जांच में पाया गया है कि पट्टा धारक जलधारा के अंदर से मौरंग निकलवा रही थीं, जो नियमों के विरुद्ध है। खदान में सीसीटीवी कैमरे बंद पाए गए थे।

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जुर्माने की तैयारी में जुटा विभाग

विभाग ने पट्टा धारक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही खामियों पर जुर्माना लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। बार-बार नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने के कारण इस बार पट्टा भी निरस्त किया जा सकता है।

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दो बार पहले भी हुए थे मुकदमे

अढ़ावल-11 खंड में नियम और मानक ताक पर हैं। दिसंबर 2020 में जलधारा बांधने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद अभी एक जून को भी एसडीएम सदर ने बंद ओटीपी पर खनन के आरोप में उक्त पट्टा धारक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

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सलेमपुर में पहुंची जांच टीम

सलेमपुर मौरंग खंड में भी अवैध खनन का वीडियो वायरल हुआ था, जिसकी पुष्टि दैनिक जागरण नहीं करता है। वायरल वीडियो के आधार पर तहसीलदार गणेश सिंह ने मौके पर जाकर जांच की। जांच में उन्होंने अवैध खनन न होने की बात कही। उधर चर्चा रही कि जहां पर अवैध खनन हुआ, वहां अफसर गए ही नहीं।

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