छह वर्षो से जेल में निरुद्ध हत्यारोपित बंदी की हालत बिगड़ी, मौत

जागरण संवाददाता फतेहपुर जिला कारागार में एक युवती की हत्या के आरोप में छह वर्षों से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:39 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:14 PM (IST)
छह वर्षो से जेल में निरुद्ध हत्यारोपित बंदी की हालत बिगड़ी, मौत
छह वर्षो से जेल में निरुद्ध हत्यारोपित बंदी की हालत बिगड़ी, मौत

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जिला कारागार में एक युवती की हत्या के आरोप में छह वर्षों से निरुद्ध हत्यारोपित बंदी की हालत अचानक बिगड़ जाने से वह बेहोश हो गया। जेल प्रशासन में खलबली मच गई। आनन फानन मंगलवार प्रात : उसे जिला अस्पताल लाया गया जहां बंदी की मौत हो गई। खबर पाकर आए पिता का आरोप था कि जेल प्रशासन ने बेटे की मरने की सूचना दी है जबकि उसे कोई बीमारी नहीं थी।

बकेवर थाने के बिजली गांव निवासी 30 वर्षीय पंथू उर्फ रामजीवन पाल को एक युवती की हत्या के आरोप में पुलिस ने गत 6 नवंबर 2015 को जिला कारागार भेजा था। तबसे वह जेल में निरुद्ध था जिसका मुकदमा विचाराधीन चल रहा था। सोमवार देर रात उक्त बंदी की हालत बिगड़ गई जिस पर जेल प्रशासन ने उसे जेल अस्पताल में भर्ती करा दिया। सुबह पहर हालत फिर बिगड़ गई जिस पर जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल भेजा जहां चिकित्सकीय टीम ने मृत घोषित कर दिया। पिता कंधईलाल व भतीजे अभयपाल का आरोप था कि पंथू को कोई बीमारी नहीं थी फिर मौत कैसे हो गई, ये समझ से परे है क्योंकि दो दिन पूर्व ही दिवंगत ने अपने भाई विजयलाल व भाभी सुशीला से जेल पीसीओ से बात की थी तो सब कुछ ठीक ठाक बताया था।

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हत्यारोपित चचेरे भाई की पहले हुई थी मौत

- दिवंगत के भतीजे अभयपाल ने बताया कि 1 नवंबर 2016 को गांव की एक शादीशुदा युवती की आशनाई के चलते उसी के दरवाजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें मुख्य आरोपित रघुराज पाल व पंथू नामजद हुए थे। दोनों जेल में निरुद्ध थे। विगत 4 मार्च 2020 को जेल में रघुराज पाल की हालत बिगड़ गई थी जिसकी एलएलआर, कानपुर में मौत हो गई थी और अब रघुराज के चचेरे भाई पंथू ने भी दम तोड़ दिया।

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जेल अधीक्षक मो. अकरम खान का कहना था कि दिवंगत पंथू उर्फ रामजीवन पाल को ब्रेन कैंसर था जिसका उपचार मेडिकल कालेज कानपुर में कराया जा रहा था। दिवंगत के दिमाग की कोई नस काम नहीं कर रही थी। जिससे वह अचानक बेहोश हो गया और फिर उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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