'संभव' से मिटेगा कुपोषण का 'कलंक'

जागरण संवाददाता फतेहपुर गर्भवती और छोटे बच्चे कुपोषण की काली छाया से बाहर निकलें इ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 06:03 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 06:03 PM (IST)
'संभव' से मिटेगा कुपोषण का 'कलंक'
'संभव' से मिटेगा कुपोषण का 'कलंक'

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : गर्भवती और छोटे बच्चे कुपोषण की काली छाया से बाहर निकलें इसके लिए सरकार ने 90 दिवसीय संभव अभियान चलाया है। जिले में 13 दिन देरी इस अभियान की शुरूआत बुधवार को डीएम अपूर्वा दुबे ने शहर के मुराइन टोला स्कूल से की। यहां उन्होंने शून्य से पांच वर्ष के कुपोषित बच्चों को पोषण सामग्री बांटी और पांच गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कर उन्हें फल व पौष्टिक आहार सौंपे।

बाल विकास परियोजना की ओर से आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा, अब संभव अभियान से कुपोषण का कलंग मिटेगा। कर्मचारी निष्ठा के साथ कर्तव्यों का पालन करें। इस अभियान के तहत जीरो से पांच वर्ष के बच्चों को लक्षित करते हुए उनको सुपोषण की स्थिति में लाया जाए। चिह्नित बच्चों का हर सप्ताह वजन कर उनमें सुधार देखा जाए। गंभीर अल्प वजन बच्चों के लिए सघन सामुदायिक गतिविधियां जैसे -सप्ताह में गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जांच, चिकित्सीय उपचार, पोषण पुनर्वास केंद्र/चिकित्सीय सलाह दी जाए। तब जाकर अभियान का उद्देश्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि तीन माह के अभियान का मुख्य उद्देश्य पोषण की स्थिति में सुधार लाना है। इस बात को अधिकारी व कर्मचारी भली भांति जान व समझ लें। यहां पर उन्होंने पांच गर्भवती महिलाओं की गोदभराई अपने हाथ से की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। बताया कि गर्भवस्था में महिलाएं सामान्य दिनों से ज्यादा अपनी सेहत का ध्यान दें। जिससे वह भी ठीक रहेंगी और बच्चा भी तंदुरस्त होगा। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी, सीडीपीओ एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे । सितंबर में होगा काम का मूल्यांकन

डीएम ने कहा कि सितंबर माह में 20-25 सितंबर के मध्य पुन: वजन सप्ताह का अयोजन किया जाएगा और जिन बच्चों को सुपोषण के लिए चिह्नित किया गया है उनमें क्या प्रगति हुई इसका परीक्षण किया जाएगा। तब जाकर आपने काम का सही मूल्यांकन होगा। कुपोषण की रोकथाम के लिए जो रणनीति बनीं है कार्य उसी के अनुरूप हो।

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