राजनीत नहीं, साहित्य बनाता है समाज : डा. असगर वजाहत

संवाद सूत्र हथगाम कस्बा स्थित जेएन मेमोरियल पीजी कालेज में शुक्रवार को समाज में साहित्य की भ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:44 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:44 PM (IST)
राजनीत नहीं, साहित्य बनाता है समाज : डा. असगर वजाहत
राजनीत नहीं, साहित्य बनाता है समाज : डा. असगर वजाहत

संवाद सूत्र, हथगाम : कस्बा स्थित जेएन मेमोरियल पीजी कालेज में शुक्रवार को समाज में साहित्य की भूमिका विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संबोधित करते हुए साहित्यकार डा. असगर वजाहत ने समाज में साहित्य की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।

सात आसमान, कैसी आगी लगाई, महाबली जैसे साहित्यिक कृतियां देने वाले साहित्यकार डा. असगर वजाहत ने संबोधन में कहा कि समाज को राजनीति नहीं, साहित्य बनाता है। कई प्रसंगों का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य, संगीत, कला व कविता ने न जाने कितने लोगों को आत्महत्या करने से रोका है। साहित्य एवं शिक्षा नहीं है तो मनुष्य-मनुष्य नहीं हो सकता। कहा, साहित्यकार मर जाने के बाद भी समाज को कुछ न कुछ देता रहता है। समाज को सभ्य, संस्कारित, सुंदर एवं शांतिप्रिय बनाने में साहित्य की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कंपोजिट विद्यालय मोहलिया में नवनिर्मित पुस्तकालय का फीता काटकर शुभारंभ किया। कालेज के प्राचार्य डा. रमेश चंद्र ने मुख्य अतिथि डा. असगर वजाहत एवं विशिष्ट अतिथि सैय्यद अब्दुल्ला जाफरी को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन शिवशरण बंधु हथगामी ने किया। डा. आरबी सिंह, कवि शिवम हथगामी, विनोद मौर्य, हरि गोविद, लव प्रताप सिंह, रमेश मौर्य, जितेंद्र सिंह आदि रहे।

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