31 जुलाई से पहले खत्म करनी होगी एसएमसी की धनराशि
जागरण संवाददाता फतेहपुर परिषदीय विद्यालयों में खोले गए एसएमसी (स्कूल प्रबंधन समिति) के खातों
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों में खोले गए एसएमसी (स्कूल प्रबंधन समिति) के खातों में पड़ी धनराशि को 31 जुलाई तक खर्च करनी होगी। राज्य परियोजना निदेशक ने एक पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि नियत समय में खातों में पड़ी धनराशि खर्च कर दी जाए। नियत समय के खातों में जमा धनराशि सरेंडर करनी होगी।
बीते दो सालों से जिले के 2127 प्राथमिक विद्यालयों में साढ़े 11 करोड़ की डंप धनराशि को न खर्च किए जाने की दशा में वापस मंगाया जाएगा। मदवार भेजे गए धन का उपयोग करने के लिए बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने समय दिया है। बीएसए को निर्देशित किया है कि वह विद्यालयों को भेजी गयी धनराशि को निर्धारित अवधि में उपयोग में लाएं। अन्यथा धनराशि सरेंडर कर दी जाएगी। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सभी खंड शिक्षाधिकारियों के माध्यम से महानिदेशक को निर्देश पहुंचा दिया गया है। जो धनराशि जिस मद में आई है उसी में खर्च होगी और आय-व्यय का ब्योरा विद्यालयों को रखना होगा।
एसएमसी क्या है और क्या होते काम : प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चलाई जा रही योजनाओं और विद्यालयों के कायाकल्प के लिए शासन समय-समय पर धन भेजता है। धनराशि का उपयोग शासन की गाइड लाइन के अनुसार विद्यालय करते हैं। परिषदीय विद्यालयों में विद्यालय के कायाकल्प, यूनिफार्म, एमडीएम आदि के लिए ग्राम शिक्षा समिति और विद्यालय प्रबंध समिति का खाता खोला गया है जिसका संचालन प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने इस धन को जिले में वापसी कराने के निर्देश दिए हैं।
नया खाता खुलेगा, फिर होगा क्रियान्वयन
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की तह तक जाएं तो विद्यालयों में पड़ी धनराशि वापस मंगाई जाएगी। इसको खर्च करने के लिए अब जिले में सर्व शिक्षा अभियान का नया खाता खोला जाएगा। इसका संचालन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी संयुक्त रूप से करेंगे।