शगुन के लीज पर फिर पड़ताल, कार्रवाई के लिए कसरत

जागरण संवाददाता फतेहपुर चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रजा पर कोर्ट में आत्म समर्पण के बाद प्रश

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 11:07 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 11:07 PM (IST)
शगुन के लीज पर फिर पड़ताल, कार्रवाई के लिए कसरत
शगुन के लीज पर फिर पड़ताल, कार्रवाई के लिए कसरत

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रजा पर कोर्ट में आत्म समर्पण के बाद प्रशासन ने शिकंजा और कस दिया है। अब प्रशासन जीटी रोड स्थिति बेसकीमती शगुन मैरिज हाल की पड़ताल में जुट गया है। यह वही मैरिज हाल है जिसे 21 वर्ष पहले नगर पालिका बोर्ड ने लीज पर आयशा खातून और नजाकत खातून (वर्तमान चेयरमैन नगर पालिका) को दिया गया था। कम पैसे में दी गई लीज आज तक नहीं बढ़ाई गई, जिसे आधार बनाकर प्रशासन अब इस इमारत को वापस लेने की तैयारी में जुट गया है। जिसके बाद चर्चाएं और तेज हो गई हैं।

बताते हैं कि शगुन मैरिज हाल सरकारी भूमि पर इस उद्देश्य से बना था कि पालिका इस व्यवसायिक इमारत से अपनी आय बढ़ाएगी। लेकिन जिस तरह से इसे हासिल करने की खेल खेला गया उससे राजस्व की आमद बेहद कम हो रही है। बताते हैं कि जिस समय नगर पालिका बोर्ड ने इस इमारत को लीज पर दिया था उसके कुछ समय बाद तत्कालीन डीएम राधा रतूड़ी ने इस पर विरोध किया था। उन्होंने लीज कराने का प्रयास भी किया था, लेकिन वर्ष 2010 में हुए सिविल कोर्ट से मिले स्टे में यह स्पष्ट कर दिया गया था। इस इमारत को न तो खाली कराया जा सकता है और न ही लीज खत्म की जा सकती है। इसके बाद 2018 में डीएम रहे आंजनेय सिंह ने इसी मुद्दे को उठाया था। उन्होंने राजस्व का नुकसान बताकर आवंटन प्रक्रिया को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू करते हुए शगुन को सीज करा दिया था। लेकिन हाईकोर्ट से मिले स्टे में डीएम को पैर पीछे खींचने पड़े और सीजर की कार्रवाई को भी समाप्त करना पड़ा था। अब फिर प्रशासन इन्हीं मुद्दों को आधार बनाकर शगुन की वापसी की तैयारी में जुटा है।

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पत्रावली का अध्ययन चल रहा है

-एडीएम न्यायिक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि शगुन मैरिज हाल सरकारी संपत्ति है। इसकी लीज को लेकर पत्रावली का अध्ययन चल रहा है। नियमों के आलोक में जो भी उचित होगा वह कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रक्रिया जांच में ही है। जांच पूरी होने के बाद उच्च अधिकारियों से विमर्श करके कार्रवाई होगी।

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तालाब प्रकरण में करीबियों पर शिकंजा

-ज्वालागंज तालाब प्रकरण पर चेयरमैन प्रतिनिधि का नाम पुलिस जांच में प्रकाश में लाया जा चुका है। अब प्रशासन इस तालाब की बिक्री में शामिल लोगों अर्थात हाजी रजा के अति करीबियों पर भी कार्रवाई का शिकंजा कसने जा रहा है। माना यह जा रहा है कि इसमें कई सफेदपोस भी फंस सकते हैं।

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शगुन में कब क्या हुआ

-वर्ष 1999 में नगर पालिका बोर्ड ने प्रस्ताव पास किया।

-वर्ष 2000 में आयशा खातून व नजाकत खातून को लीज मिली।

-वर्ष 2010 में सिविल कोर्ट ने खाली न कराने व कब्जा न हटाने का स्टे दिया।

-वर्ष 2018 में डीएम रहे आंजनेय सिंह ने नोटिस देकर सीज कराया।

-वर्ष 2018 में हाईकोर्ट ने यथा स्थिति बनाये रखने का स्टे दिया।

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