सेनेटरी नैपकिन यूनिट, 20 महीने से बंद ताला

संवाद सहयोगी खागा ऐरायां ब्लाक मुख्यालय प्रांगण में स्थित सेनेटरी नैपकिन यूनिट महीनों से ताल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Feb 2021 11:21 PM (IST) Updated:Tue, 09 Feb 2021 11:21 PM (IST)
सेनेटरी नैपकिन यूनिट, 20 महीने से बंद ताला
सेनेटरी नैपकिन यूनिट, 20 महीने से बंद ताला

संवाद सहयोगी, खागा: ऐरायां ब्लाक मुख्यालय प्रांगण में स्थित सेनेटरी नैपकिन यूनिट महीनों से ताला बंदी का शिकार है। यह नैपकिन आधी आबादी के बीच होने की बजाए करीब ढाई लाख सेनेटरी नैपकिन बंद दरवाजे के पीछे हैं।

ऐरायां ब्लाक प्रांगण स्थित पंचायत उद्योग कार्यशाला भवन में वर्ष 2012 में दस लाख रुपये की लागत से सेनेटरी नैपकिन यूनिट शुरू की गई थी। पांच महिला कर्मियों को सेनेटरी नैपकिन तैयार करने का रोजगार दिया गया। यूनिट में प्रतिदिन 600 पीस नैपकिन तैयार किए जाते थे। चार वर्षो में छह लाख से अधिक सेनेटरी नैपकिन कार्यशाला में तैयार किए गए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला कल्याण विभाग, जिला कारागार, शिक्षा विभाग तथा खुले बाजार में सेनेटरी नैपकिन की बिक्री हो रही थी। अचानक यूनिट बंद होने से हजारों पीस सेनेटरी नैपकिन डंप पड़ी हुई हैं। यूनिट की देखरेख कर रहे ग्राम पंचायत अधिकारी विपिन तिवारी ने बताया कि आर्डर न मिलने से गोदाम में चालीस हजार पैकेट नैपकिन डंप पड़ी हुई है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर इनकी रि-पैकिग करा दी गई। उसके बाद भी इनकी बिक्री नहीं हो पा रही है। यूनिट में तैयार सेनेटरी नैपकिन सबसे अधिक स्वास्थ्य विभाग में आपूर्ति की गई। कुल नैपकिन का 60 फीसदी अस्पतालों में भेजा गया। अन्य जगहों से मांग न होने की वजह से गोदाम में नैपकिन का स्टाक डंप पड़ा हुआ है। इंचार्ज ने बताया कि अगस्त 2019 से पंचायत उद्योग में ताला लगा हुआ है। कहीं से मांग न होने की वजह से डंप नैपकिन खराब होने की संभावना बनी है। डंप नैपकिन के उपयोग अवधि 20 अगस्त 2021 है। बताया कि जिम्मेदार विभाग की शिथिलता की वजह से यूनिट को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सात लाख रुपये की डंप नैपकिन

महीनों से सेनेटरी नैपकिन डंप पड़ी होने से खराब होने खतरा बना है। बोरियों के ऊपर बोरियां लगी होने से नैपकिन पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। यूनिट इंचार्ज विपिन तिवारी का कहना था कि चालीस हजार पैकेट नैपकिन यदि खराब होती हैं तो सात लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।

मुनाफे के बावजूद पड़ी मार

नैपकिन उद्योग की शुरुआत होने के बाद इसे हाथों हाथ लिया गया। यूनिट की बैलेंस शीट भी काफी सेहतमंद रही। यूनिट इंचार्ज का कहना था अब भी यूनिट के खाते में 10 लाख से अधिक की धनराशि मौजूद है। दावा किया कि यह उद्योग आर्थिक रूप से भी पूरी तरह सक्षम है। बड़ी और नामी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा होने के बावजूद इसने पकड़ मजबूत की है।

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