विभाग का रिकार्ड दुरुस्त, अन्नदाता पस्त

जागरण टीम फतेहपुर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने के लिए जनपद में 59 क्रय केंद

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:36 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:36 PM (IST)
विभाग का रिकार्ड दुरुस्त, अन्नदाता पस्त
विभाग का रिकार्ड दुरुस्त, अन्नदाता पस्त

जागरण टीम, फतेहपुर: किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने के लिए जनपद में 59 क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं खरीद की गई। हालांकि बाद में जब तिथि बढ़ी तो मंडी समितियों के महज 13 क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीद की गई। विभागीय आंकड़ों की बात करें तो इस बार पिछले वर्ष की तुलना में करीब छह हजार एमटी की खरीद अधिक की गई है। शासन के निर्देश पर 22 जून तक खरीद की गई, किसानों को आशा थी कि अभी तिथि और आगे बढ़ेगी लेकिन शाम ढलते-ढलते उनकी आशा निराशा में बदल गई। हालांकि अब भी अपनी उपज को लेकर किसान क्रय केंद्रों पर डाले हुए हैं और तौल की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

बिदकी मंडी के क्रय केंद्र में प्रथम कांटे पर 21 किसानों से 700 क्विंटल, दूसरे कांटे पर दस किसानों से 350 क्विंटल, तीसरे कांटे पर दस किसानों से 349 क्विंटल गेहूं की तौल हुई। अब तक क्रय केंद्र में कुल 1030 किसानों से 46846 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई। करीब ढाई सौ क्विंटल गेहूं अब भी किसानों का खरीद के डंप है। केंद्र प्रभारी उस्मान ने बताया कि उच्चाधिकारियों का निर्देश मिलने पर आगे खरीद कराई जाएगी। जहानाबाद मंडी में मार्केटिग के क्रय केंद्र पर 9 किसानों से 325 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। जबकि 20 किसानों के ट्रैक्टर तौल के लिए क्रय केंद्र में खड़े हैं। दोपहर में तहसीलदार चंद्रशेखर यादव क्रय केंद्र का निरीक्षण किया।

तौल की तिथि बढ़ाए जाने कीे मांग भाकियू के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह गौतम, प्रदीप सिंह, राजेंद्र सिंह व असोथर के किसान रामबाबू, गाजी सिंह, सुरेश वर्मा, बिदकी के राजेश कुमार व खागा के रामदीन समेत कई किसानों ने उठाई है। तिथि न बढ़ने पर किसान बड़े आंदोलन की बात कह रहे हैं। गेहूं केंद्रों में तौलने के लिए हजारो क्विंटल गेहूं पड़ा है। सप्ताह भर से मंडी समिति,खागा, किशुनपुर, बिदकी, अमौली, असोथर समेत 13 केंद्रों में गेहूं की तौल की जा रही थी। अन्नदाताओं की जुबानी

शासन की मंशा के अनुरूप किसानों को वाजिब लाभ नहीं मिल सका। ज्यादातर किसानों को मायूस होना पड़ा। निश्चित ही नौकरशाहों की बदौलत यह नौबत आई है। अब किसानों को औने-पौने दामों पर अपनी उपज को बेचना पड़ेगा।

- राजन शुक्ल, अंदमऊ किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए क्रय केंद्र जरूर खोले गए लेकिन यहां पर छोटे किसानों को कोई तवज्जो नहीं दिया गया, जिसकी वजह से उन्हें निराश होकर अब व्यापारियों के हाथों अपनी उपज बेचने पड़ेगी।

- धीरेंद्र त्रिपाठी, बेर्रांव किसानों के साथ बराबर धोखा किया जा रहा है। अब किसान अपना उत्पीड़न कतई नही बर्दाश्त करेगा, जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। शासन को चाहिए कि खरीद की तिथि और बढ़ा दी दे।

- अशोक कुमार, असोथर किसान महीनों क्रय केंद्रों पर अपनी उपज के साथ पड़े रहते हैं और इसके बाद जब उन्हें वापस लौटना पड़ता है तो बहुत तकलीफ होती है। खरीद की तिथि न बढ़ाई गई तो सड़कों पर उतरकर जोरदार आंदोलन किया जाएगा। - जयदेव सिंह, असोथर

एक नजर में आंकड़े

कितनी हुई खरीद- 61 हजार एमटी अब तक भंडारित- 53.5 हजार एमटी भंडारण शेष- 7.5 हजार एमटी कितने किसानों की हुई तौल- 14266 अब तक हुआ भुगतान- 104 करोड़ कितना भुगतान शेष- 16 करोड़ कब तक होगा भुगतान- एक सप्ताह में -----------------

इस वर्ष खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं था, बावजूद इसके इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक खरीद हुई है। ज्यादातर किसानों की उपज का भुगतान किया जा चुका है। जिन किसानों का भुगतान शेष है, उनका एक सप्ताह के अंदर कर दिया जाएगा। अभी तक शासन व फिर उच्चाधिकारियों से खरीद की तिथि बढ़ाने का कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ। - रमेश कुमार, डिप्टी आरएमओ

chat bot
आपका साथी