दो आइटीआइ की छिनेगी मान्यता, कालीसूची में डालने की तैयारी

फर्जीवाड़ा -फर्जी बैंक गारंटी लगाकर हासिल की मान्यता अब लाभ लेने की थी तैयारी -निदेशालय

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 12:03 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 12:03 AM (IST)
दो आइटीआइ की छिनेगी मान्यता, कालीसूची में डालने की तैयारी
दो आइटीआइ की छिनेगी मान्यता, कालीसूची में डालने की तैयारी

फर्जीवाड़ा

-फर्जी बैंक गारंटी लगाकर हासिल की मान्यता, अब लाभ लेने की थी तैयारी

-निदेशालय की जांच में खुली पोल, दर्ज हो चुका है दोनों के खिलाफ मुकदमा जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शासन द्वारा निजी आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की मान्यता और छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की कराई गई जांच में जिले के दो संस्थान कार्रवाई की जद में आ गए हैं। दोनों संस्थानों की बैंक गारंटी फर्जी पाए जाने पर निदेशालय के निर्देश पर मुकदमा भी दर्ज हो गया है। अब समाज कल्याण विभाग ने दोनों की मान्यता समाप्त कर इन्हें कालीसूची में डालने की संस्तुति करते हुए निदेशालय से इन संस्थानों के छात्र-छात्राओं के नाम मास्टर डाटा से हटाने के लिए पत्र भेजा है।

पहली बार मास्टर डाटा में शामिल होने के कारण दोनों संस्थाओं ने फिलहाल शुल्क प्रतिपूर्ति या छात्रवृत्ति का कोई लाभ नहीं लिया है। थोड़ी से चूक हो जाती है तो यह दोनों संस्थान शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति का लाभ ले जाने में सफल हो जाते। बता दें जिले में पांच राजकीय और 13 निजी आइटीआइ संचालित हो रही हैं। जिनमें प्रत्येक वर्ष तीन हजार छात्र-छात्राएं अलग-अलग ट्रेडों में प्रशिक्षण लेते हैं और शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति का लाभ भी उठाते हैं। अधिकांश निजी आइटीआइ में मानक अधूरे हैं, फिर भी इनका संचालन हो रहा है।

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ऋषभदेव व बाबू चंद्रपाल सिंह आइटीआइ ने किया खेल

जिले में ऋषभदेव आइटीआइ धाता और बाबूचंद्रपाल सिंह आइटीआइ नरपतपुर ने वर्ष 2019 में आइटीआइ की मान्यता भारत सरकार से प्राप्त की है। इन दोनों संस्थाओं ने बैंक गारंटी के रूप में जो डिमांड ड्रॉफ्ट (डीडी) लगाई हैं वह फर्जी हैं। बाबू चंद्रपाल सिंह आइटीआइ के ओर से बैरमपुर ग्रामीण बैंक की शाखा द्वारा जारी नौ लाख की डीडी लगाई गई थी, जबकि ऋषभदेव आइटीआइ की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा धाता शाखा की नौ लाख की फर्जी डीडी लगाई गई थी।

..तो फिर छात्र संख्या भी फर्जी!

दोनों आइटीआइ में मौजूदा सत्र में सौ-सौ सीटें भरी गई हैं। छात्र-छात्राओं के लिए शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति का दावा भी किया है। समाज कल्याण अधिकारी ने इनकी छात्र संख्या पर भी संदेह प्रकट करते हुए जांच की बात कही है।

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क्या बोले जिम्मेदार

निदेशालय के पत्र पर ऋषभदेव आइटीआइ धाता और बाबू चंद्रपाल सिंह आइटीआइ नरपतपुर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। अब इनकी मान्यता खत्म किए जाने और इन संस्थाओं को कालीसूची में डालने का पत्र निदेशालय को भेजा है।

केएस मिश्र, समाज कल्याण अधिकारी

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