शौर्य दिवस पर वृक्षों में राम रक्षा सूत्र बांध लिया संकल्प
संवाद सहयोगी खागा बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने शुक्रवार को बुंदेली वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाइ
संवाद सहयोगी, खागा : बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने शुक्रवार को बुंदेली वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को याद करते हुए बुंदेलखंड बचाओ दिवस मनाया। नगर के रेलवे पार्क में बुंदेलियों ने वृक्षों की पूजा कर उनमे राम रक्षा सूत्र बांधा। समिति कार्यकर्ताओं ने पेड़-पौधों की रक्षा का संकल्प लेते हुए बक्सवाहा जंगल बचाने तक आंदोलन जारी रखने का प्रण लिया।
समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कहा, अंग्रेजों से अपनी रियासत झांसी को बचाने के लिए वीरांगना ने पूरी ताकत से संघर्ष किया था। हमारा बुंदेलखंड हमारी असली रियासत है, जिसे अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए सरकारें पूरी तरह से मिटाने पर आमदा हैं। छतरपुर जिले का बक्सवाहा जंगल इसका ज्वलंत उदाहरण है। जंगल के नीचे दबे हीरों को निकालने के लिए मध्यप्रदेश की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने 2019 में एक बड़े औद्योगिक घराने को 382 हेक्टेयर में फैले जंगल के 2.15 लाख पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी। इसके बाद पन्ना टाइगर रिजर्व के 23 लाख पेड़ काटने की बारी है। केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जंगल हमारे सबसे बड़े आक्सीजन प्लांट है। 50 वर्ष की आयु वाला एक वृक्ष एक दिन में चार लोगों के लिए जरूरी आक्सीजन देता है। बुंदेलखंड की धरा पर आकर युवराज राम, प्रभु श्रीराम बने। गोस्वामी तुलसीदास, महर्षि वेदव्यास व बैजूबावरा ने जिस धरती पर जन्म लिया हो, भगवान राम ने अपने वनवास का ज्यादातर समय व्यतीत किया हो, आल्हा ऊदल व महाराजा छत्रसाल जैसे वीरों ने जन्म लिया हो, उस गौरवशाली बुंदेलखंड का अतीत अब इतिहास के पन्नों में सिमटने लगा है। रानी लक्ष्मीबाई शौर्य दिवस मौके पर ज्ञानेंद्र सिंह, संतोष केसरवानी, धर्मेंद्र सिंह, देवब्रत त्रिपाठी, शक्ति सामंत, अथर्व सिंह, प्रखर गुप्त, आकर्ष साहू, आदित्य सोनी, विपिन सिंह, विवेक सिंह, मयंक सिंह, अमन कुमार, पवन निषाद आदि रहे।