बारिश से मिली संजीवनी, तेज हवा से धान को नुकसान
जागरण संवाददाता फतेहपुर बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए किसानों को बारिश
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए किसानों को बारिश की सौगात तो मिल गई, लेकिन तेज हवा ने अन्नदाताओं की चिता बढ़ा दी है। दो दिन से गरज-चमक के साथ कहीं हल्की व तो कहीं हो रही मध्यम बारिश फसलों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। धान के साथ ज्वार, बाजरा, तिल की फसलों के लिए भी बारिश लाभदायक बताई जा रही है। भादौं महीना के अंत में होने वाली बारिश रबी फसल की लिए उपयोगी रहेगी।
भाद्रपद को बारिश का मुख्य महीना माना जाता है, पिछले दस दिन से आसमान से बूंद न टपकने और तेज धूप से खरीफ की फसलें मुरझाने लगी थी। खासकर धान की खेती पर बड़ा असर पड़ रहा था। बारिश की उम्मीद लगाए किसानों आखिर मौसम की सौगात मिल गई। दो दिन से गरज-चमके के साथ जिले के बहुतायत हिस्से में बारिश हुई और मौसम भी सुहाना हुआ। तापमान में गिरावट आने से गर्मी से बेहाल आमजनमानस को बड़ी राहत मिली है। हवा की रफ्तार 25 किमी प्रति घंटा
मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों तक घने बादल छाए रहने के साथ तेज हवा चलने की संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र थरियांव के मौसम विशेषज्ञ सचिन शुक्ला ने कहा कि बुधवार को हवा की गति सामान्य छह किलोमीटर प्रति घंटे के सापेक्ष 25 किमी प्रति घंटे रही। इससे बाली देने वाली धान की फसल खेत में गिर गई है। कहा कि 19 सितंबर तक कहीं मध्यम तो कहीं हल्की बारिश होगी। वातावरण में नमी की मात्रा 90 फीसद से ज्यादा रहेगी। उपकृषि निदेशक राममिलन परिहार ने कहा, तेज हवा से फसल को बचाने के लिए फसल में जलभराव न होने दे। धान व सब्जियों की खेती में जलनिकासी की व्यवस्था किसान कर लें। कहा कि धान समेत अन्य फसलों के लिए यह बारिश संजीवनी का काम करेगी, हां यह जरूर है कि तेज हवा से धान बाली दे रही फसल को नुकसान हुआ है। तीन डिग्री गिरा तापमान
तीन भर फुहारी और हल्की बारिश का सिलसिला चलता है। तेज हवा से बुधवार के तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ गई। अधिकतम तापमान 27 न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहा। अचानक तापमान में आई गिरावट से मौसम में हल्की ठंडी एहसास होता रहा। कीचड़ से सनी रहीं सड़कें
बूंदाबांदी से शहर और कस्बों की सड़कें कीचड़ से सनी रहीं। शहर के रानीकालोनी , देवीगंज, आबूनगर नई बस्ती, राधानगर, चतुरी का पुरवा, तांबेश्वरपुरम आदि मुहल्लों में जलभराव व गंदगी की समस्या का सामना करना पड़ा। इसी प्रकार खागा व बिदकी, बहुआ, जहानाबाद, किशुनपुर आदि कस्बों में मुख्य सड़क समेत गलियों में कीचड़ भरा होने से लोग परेशान रहे।