टूट कर फिर बनेगा रेलवे पुल, लगेंगे दो साल
जागरण संवाददादाता फतेहपुर ढाई साल से बंद चल रहे बांदा-टांडा मार्ग के बाईपास के अभी द
जागरण संवाददादाता, फतेहपुर : ढाई साल से बंद चल रहे बांदा-टांडा मार्ग के बाईपास के अभी दो साल और चलने की उम्मीद नहीं है। डिजाइन व गुणवत्ता में खामी के चलते कुरस्तीकला के पास बने रेलवे पुल को निष्प्रोज्य घोषित करने के बाद इसके गिराने की अनुमति दे दी गई है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त की अनुमति मिलने के बाद कार्यदायी संस्था पुल को अक्टूबर माह में गिराकर नए निर्माण की तैयारी में लग गई है।
रायबरेली से बांदा तक के 318 किमी लंबे मार्ग का निर्माण वर्ष 2018 में पूरा हो गया था। बुंदेलखंड को राजधानी से जोड़ने वाले इस मार्ग के कोराई-शाह बाईपास में रेलवे क्रासिग में पुल का निर्माण स्पेन की संस्था ने कराया था। रायबरेली की जनसभा में आए पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मार्ग का शुभारंभ किया था। दो-तीन माह के संचालन के बाद ही रेलवे पुल में खामी निकल आई। रेलवे की इंजीनियरिग टीम ने पुल को मजबूती के लिहाज से प्रयोग लायक नहीं बताया। डेढ साल की लंबी प्रक्रिया के बाद पुल को तोड़ने की अनुमति मिली तो इससे बनने में तकरीबन दो साल का समय और लग जाएगा। शहर के अंदर से निकलने वाले भारी वाहनों से अभी राहत मिलने वाली नहीं है। ओवरब्रिज का निर्माण करने वाली स्पेन की संस्था अपने बजट पर बिज का पुर्न: निर्माण कराएगी। एनएचएआइ की टीम कार्य पर निगरानी रखेगी। कार्य पूरा होने में लगभग दो साल का समय लग जाएगा।
-कर्नल आरवी सिंह, इंजीनियर एनएचएआई