प्रभारियों की शिथिलता से कच्छप गति से हो रही गेहूं खरीद

जागरण संवादाता फतेहपुर शासन ने इस बार गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है जिसक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 06:42 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 06:42 PM (IST)
प्रभारियों की शिथिलता से कच्छप गति से हो रही गेहूं खरीद
प्रभारियों की शिथिलता से कच्छप गति से हो रही गेहूं खरीद

जागरण संवादाता, फतेहपुर : शासन ने इस बार गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है, जिसकी वजह से प्रभारी खरीद में शिथिलता बरत रहे हैं। गत वर्ष अब तक 22320 एमटी की खरीद हो चुकी थी, वहीं इस वर्ष मात्र 5600 एमटी की खरीद हुई, जो कि पिछले वर्ष से एक चौथाई है। वही प्रभारी गेहूं का दाना पतला बताकर झन्ना लगाते है और इसके बाद तौल करते हैं। इससे किसानों को 275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से कम मिलते हैं। जबकि शासन ने 1975 रुपए प्रति क्विंटल की दर से तौल कर समर्थन मूल्य घोषित किया है। ललौली के किसान मो. करीम, जखनी के राम विशाल पासवान, कोराईं महेशचंद्र, हथगाम के सरजू प्रसाद समेत कई किसानों का कहना था कि गेहूं खरीद में किसानों को ठगा जा रहा है। कहाकि इसकी शिकायत डीएम व डिप्टी आरएमओ से कई बार की लेकिन किसानों के साथ गेहूं खरीद में किया जा रहा खेल बंद नहीं हुआ। मामले पर डिप्टी आरएमओ रमेश कुमार का कहना था कि इस बार गेहूं मानक पर नहीं है, दाना पतला है। इसलिए झन्ना लगाकर गेहूं की तौल की जाती है। कहा कि इसकी जानकारी विभागीय उच्चाधिकारियों को भी है। कहा कि जो गेहूं मानक पर पर है। उसकी तौल जरूर की जाती है। कहा कि तौल का लक्ष्य इस बार नहीं तय हुआ है, लेकिन गेहूं की खरीद पर इसका कोई असर नहीं है।

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केस 1- शहर के मंडी समिति क्रय केंद्र पर दलीपुर गांव के सूर्य प्रकाश लोधी गेहूं की तौल कराने ट्रैक्टर में भरकर पहुंचे। केंद्र प्रभारी ने घंटो तौल नहीं करवाई और जब दबाव बनाया तो केंद्र प्रभारी ने गेहूं डाल दो, कल तौला जाएगा। यह कहकर चले गए। इस पर किसान ने नाराजगी जताई और गेूहूं की तौल आढ़ती के यहां जाकर 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करवा दी।

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केस-2 असोथर केंद्र में भी प्रभारी गेहूं की तौल करने में किसानों को तंग कर रहे हैं। बुधरामऊ गांव के घनश्याम, छेदीलाल गेहूं की तौल कराने केंद्र गए थे। लेकिन यहां भी प्रभारी ने झन्ना लगाकर तौल कराने को कहा, इस पर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई। जब बात नहीं बनी तो किसान अपनी उपज को लेकर वापस लौट गए।

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