30 रुपये प्रतिदिन मेहताने में कैदी उगा रहे हरी साब्जियां

जागरण संवाददाता फतेहपुर जिला कारागार की तीन बीघे भूमि में हरी सब्जियों भिडी लौकी बैगन तरोई कद्दू केला पपीता मूली पालक हरी मिर्च धनिया पालक की पैदावार करने के साथ भोजनालय कक्ष आंतिरक सुरक्षा व साफ सफाई में लगे 155 कैदियों की मेहनत को देखते हुए शासन ने इस माह सर्वाधिक 98 हजार रुपये शासन ने भेजे हैं। इसमें प्रतिदिन के हिसाब से कुशल कैदियों को 40 रुपये अ‌र्द्धकुशल को 30 व अकुशल बंदियों को 25 रुपये मिलेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 11:09 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:05 AM (IST)
30 रुपये प्रतिदिन मेहताने में कैदी उगा रहे हरी साब्जियां
30 रुपये प्रतिदिन मेहताने में कैदी उगा रहे हरी साब्जियां

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जिला कारागार की तीन बीघे भूमि में हरी सब्जियों भिडी, लौकी, बैगन, तरोई, कद्दू, केला, पपीता, मूली पालक, हरी मिर्च, धनिया, पालक की पैदावार करने के साथ भोजनालय कक्ष, आंतिरक सुरक्षा व साफ सफाई में लगे 155 कैदियों की मेहनत को देखते हुए शासन ने इस माह सर्वाधिक 98 हजार रुपये शासन ने भेजे हैं। इसमें प्रतिदिन के हिसाब से कुशल कैदियों को 40 रुपये, अ‌र्द्धकुशल को 30 व अकुशल बंदियों को 25 रुपये मिलेगा।

जिला कारागार के 15 बैरिकों में वर्तमान समय करीब 1238 विचाराधीन बंदी व सजायाफ्ता कैदी विभिन्न आरोपों में निरुद्ध हैं उनमें 49 महिला बंदी भी शामिल हैं। इन बंदी व कैदियों में 155 ऐसे हैं जो जेल परिसर के भोजनालय कक्ष से लेकर साफ सफाई व आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा भी बाखूबी निभा रहे हैं। इसके साथ ये बंदी व कैदी जेल परिसर के बाहर स्थित जेल की तीन बीघा खेत में सुबह व शाम को कड़ी मेहनत कर जमीन को उपजाऊ बनाते हैं। इनमें सर्वाधिक अ‌र्द्धकुशल कैदियों की संख्या 135 है जबकि कुशल व अकुशल बंदियों की संख्या दस-दस है।

डॉ. आलोक शुक्ल कहते हैं कि एक माह की धनराशि में किसी बंदी के हिस्से में 880 रुपये तो किसी के हिस्से में 450 रुपये आया है। जेल के खेत में सब्जियों की पैदावार करने के साथ हर काम में दक्ष कुशल कैदियों में हत्या के आरोप में निरुद्ध माहिल, गैंगस्टर आरोपित नरेंद्र, दुष्कर्म आरोपित प्रेम सिंह, दहेज हत्या में बंद महेंद्र कुमार आदि हैं। काम करने वाले तीन श्रेणियों के बंदियों में 25, 30 व 40 रुपये प्रतिदिन किे हिसाब से शासन से माहवार अवमुक्त होता है, लेकिन इस मर्तबा कुछ अधिक आया है। जाड़े के मौसम में कैदियों से सिर्फ आलू बुआया जाता है और सैकड़ों क्विटल आलू होने पर उसे कोल्ड स्टोरेज में रखवा दिया जाता है। बताया कि इन्हीं हरी सब्जियों से बंदियों के लिए सब्जी बनवाई जाती है। जेल की तीन बीघे भूमि को उपजाऊ बनाने एवं फसल तैयार होने पर उसकी निराई कर घास फूस हटाने के काम में जो 155 विचाराधीन बंदी व सजायाफ्ता कैदी है उन्हें ही इस काम में लगाया जाता है जिन्हें प्रतिमाह शासन से मिल रही धनराशि को इनके खातों में भेजा जा रहा है। इन बंदियों में कुछ जेल की भूमि में हरी सब्जियां उगाते हैं तो कुछ आंतरिक सुरक्षा व भोजनालय कक्ष के साथ साफ सफाई का काम संभाले हैं।

-विनोद कुमार, जेल अधीक्षक

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