सरेशाम फायरिग मामले मे दोनों गुटों पर निरोधात्मक कार्रवाई

जागरण संवाददाता फतेहपुर शहर के पॉश इलाके पत्थरकटा चौराहे में सरेशाम गोलीबारी प्रकरण में तीसरे दिन भी राजनीतिक दबाव के चलते कोई गिरफ्तार नहीं हो सका। पुलिस ने लॉकडाउन के समय सरेशाम दहशत फैलाने की वजह से दोनो गुटों पर निरोधात्मक कार्रवाई कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:08 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 07:08 PM (IST)
सरेशाम फायरिग मामले मे दोनों गुटों पर निरोधात्मक कार्रवाई
सरेशाम फायरिग मामले मे दोनों गुटों पर निरोधात्मक कार्रवाई

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शहर के पत्थरकटा चौराहे पर सरेशाम मारपीट के बाद फायरिग के मामले में तीसरे दिन भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने दोनों गुटों पर निरोधात्मक कार्रवाई कर बैकफुट पर आ गई है। वहीं घटनास्थल से बरामद रिवाल्वर के लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

सरेशाम रंजिश में ताबड़तोड़ फायरिग मामले में पीड़ित की तहरीर पर पांच लोगों को नामजद व 10 अज्ञात लोगों पर बलवा, गोलीकांड व सेवन क्रिमिनल एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद भी किसी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई, हां कार्रवाई के नाम पर कोतवाली पुलिस ने जितेंद्र उर्फ दीपू पटेल व जानी परिहार उर्फ विक्रम समेत दोनों गुटों के दर्जन भर लोगों के खिलाफ 107/16 की कार्रवाई की है। पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ है कि 30 मई की शाम पौने 6 बजे एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के दरवाजे पर चढ़ाई कर ताबड़तोड़ फायरिग की थी, आरोप था कि बचाव कर भागे तो उनकी कार से कुछ लोग टकरा कर जख्मी हो गए थे।

शहर कोतवाल रवींद्र श्रीवास्तव का कहना था कि शहर के आवास विकास कालोनी, विलंदा, वीआईपी रोड, लोहारी आदि जगहों पर छापेमारी की गई लेकिन कोई नहीं मिला। जिस पर दोनो गुटों के दर्जन भर लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई कर इन्हें पाबंद कर दिया गया है। कहा कि बरामद रिवाल्वर की लाइसेंसी रिपोर्ट रद करने की प्रक्रिया की जा रही है।

एक माह पूर्व खरीदी गई थी कार

विक्रम उर्फ जानी परिहार ने शहर के तांबेश्वर कालोनी में रहने वाले एक शख्स से काले रंग की कार खरीदी थी लेकिन अपने नाम ट्रांसफर नहीं करा सका था। उसी कार में फायर की गोली लगने से छेद हो गए थे और शीशे भी चकनाचूर हो गए थे। उस कार पर भी पुलिस कार्रवाई करने की रणनीति तैयार कर रही है। उपनिरीक्षक विपिन सिंह यादव ने कहा कि जांच में पता चला है कि कार जानी परिहार ने खरीदी थी, लेकिन ट्रांसफर नहीं हुआ है।

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