वैन मालिक से हुई 1.20 लाख की लूट पर हांफी पुलिस

संवाद सहयोगी खागा सीएचसी हथगाम के मोबिलिटी (वैक्सीन डिब्बा परिवहन) मद का 1.20 लाख रुपये

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 11:36 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 11:36 PM (IST)
वैन मालिक से हुई 1.20 लाख की लूट पर हांफी पुलिस
वैन मालिक से हुई 1.20 लाख की लूट पर हांफी पुलिस

संवाद सहयोगी, खागा: सीएचसी हथगाम के मोबिलिटी (वैक्सीन डिब्बा परिवहन) मद का 1.20 लाख रुपये हड़पने की रची गई वैन मालिक की साजिश नाकाम हो गई। शुक्रवार सुबह लूट की सूचना पर पुलिस दौड़कर हांफ गई, उसके बाद पीड़ित वैन मालिक/ चालक से सख्ती से पूछताछ किया तो लूट की घटना फर्जी निकली। तब पुलिस ने राहत की सांस ली।

थरियांव थाने के अब्दुल्लापुर घूरी गांव निवासी मंगल सिंह लोधी की मैजिक गाड़ी हथगाम सीएचसी में संबद्ध है। आरबीएसके टीम को क्षेत्र भ्रमण कराने में वाहन मालिक को प्रति माह तय किराया मिलता है। वाहन मालिक के एकाउंट में ही वैक्सीन डिब्बा परिवहन का पैसा एजेंसी द्वारा भेजा जाता है। अक्सर वह अपने खाते से पैसा निकालकर अस्पताल तक पहुंचाता है।

बीते 12 जनवरी को वाहन मालिक के खाते में भेजी गई रकम निकालने के बाद भी वह सीएचसी में तैनात कोल्ड चैन हैंडलर भीमप्रकाश को नहीं दे रहा था। शुक्रवार सुबह नौ बजे करीब वाहन मालिक मंगल सिंह लोधी ने सीएचसी अधीक्षक डा. अमित चौरसिया को सूचना दी कि सदियापुर गांव के पास वैन रोककर बदमाश 1 लाख 20 हजार लूट ले गए। सीएचसी अधीक्षक से सूचना मिलते ही मझिलगांव चौकी इंचार्ज विवेक सिंह, कोतवाली प्रभारी आरके सिंह व हथगाम थानाध्यक्ष आदित्य सिंह मौके पर पहुंचे। घटनास्थल के पास अलाव ताप रहे ग्रामीणों से पूछताछ कि तो मामला संदिग्ध लगा। पुलिस ने वैन मालिक से पूछताछ की तो उसने सरकारी धनराशि हड़पने की बात स्वीकार की। वैन मालिक के घर से एक सदस्य ने कोतवाली पहुंचकर विभागीय रकम वापस की। चिकित्सा अधीक्षक के पत्र को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने विभागीय धनराशि वापस करा दी। इनसेट -

बयान बदलने से खुल गई पोल

सदियापुर गांव के पास हुई लूट की सूचना चिकित्सा अधीक्षक द्वारा मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई थी। पुलिसिया पूछताछ में वैन मालिक ने बार बार बयान बदले। पुलिस की टीमों ने इससे अलग अलग बयान लिए तो पुलिस को फर्जी घटना होने का संदेह हो गया था।

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पति को फर्जी फंसाया गया : पत्नी

वैन मालिक के मोबाइल से उसकी पत्नी को पुलिस अधिकारियों ने फोन लगाया तो वह चिकित्सा अधीक्षक पर भड़क उठीं। महिला का आरोप था कि डाक्टर ने ही लूट की घटना प्रायोजित की है, उसके पति को फर्जी फंसाया जा रहा है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और एक घंटे बाद ही मामला खुलकर सामने आ गया।

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