प्लेटफार्म टिकट बिक्री पर लगी रोक, 70 प्रवासी लौटे घर
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने को गंभीरता से लेक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना संक्रमितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने को गंभीरता से लेकर उ.म.रेलवे बोर्ड प्रयागराज ने प्लेटफार्म टिकट बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वहीं गैर प्रांतों से आने वाले प्रवासी का सिलसिला जारी रहा। मंगलवार को दिल्ली व जयपुर से 70 प्रवासी ट्रेनों से अपने घर लौटे।
बता दें कि इस समय कालका, मूरी, नार्थईस्ट, संगम, पुरुषोत्तम, रीवां, जोधपुर हावड़ा, इंटरसिटी मेमू, पैसेंजर, प्रयागराज-जयपुर एक्सप्रेस, चौरीचौरा, प्रयागराज एक्सप्रेस, पुरी के साथ बुधवार व शुक्रवार को लोकमान्य तिलक टर्मिनल व छपरा-लोकमान्य तिलक स्पेशल ट्रेन का मुख्यालय में स्टापेज दिया जा रहा है। दूर दराज का सफर करने वाले मुसाफिर आरक्षित सीट निरस्त करा रहे हैं और गैर प्रांतों से प्रतिदिन कुछ न कुछ प्रवासी लौट रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली, जयपुर व गुजरात से 70 प्रवासी अपने गृह जनपद को लौटे। इनका कहना था कि वह कोरोना संक्रमण की दहशत से लौटकर आए हैं।
स्टेशन अधीक्षक आरके सिंह का कहना था कि दूर दराज से आने वाले प्रवासियों के ट्रेन से उतरने के बाद चिकित्सकीय टीम उनका एंटीजन जांच कर रही है।
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संक्रमण से प्लेटफार्म टिकट बिक्री बंद
जनरल टिकट बुकिग केंद्र के सुपरवाइजर महेंद्र गुप्ता ने बताया कि 10 रुपये का एक प्लेटफार्म टिकट था। प्रतिदिन 250 टिकट बिक जाने से 2500 रुपये का राजस्व मिल जाता था लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से रेलवे बोर्ड के निर्देश पर प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है।
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100 टिकटों की बिक्री, 40 निरस्त
300 टिकटों की बिक्री प्रतिदिन होती थी जो घटकर अब 100 के आस पास पहुंच गई है। बिक्री टिकटों में इटावा, फिरोजाबाद, प्रयागराज, कानपुर आदि आस पास के जिले हैं जिससे 1 लाख रुपये का राजस्व आ रहा है जबकि दूर दराज के 40 टिकटों की वापसी हुई है।
-योगेंद्र राय पर्यवेक्षक, रेलवे आरक्षण केंद्र।
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प्रवासियों का छलका दर्द
मुंबई के गोवंडी में किराना की दुकान में काम करता है। वहां संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लगने से चार दिन पूर्व घर चला आया और खेत में गेहूं कटवा रहा है।
-अमित रैदास, रामनगर कौहन।
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गुजरात प्रांत के दमन में स्थित शराब फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड है। वहां पर कर्फ्यू लगने की दहशत से चार माह बाद अपने घर चला आया। स्वजन के साथ खेती में हाथ बटा रहा है।
-नंदू तिवारी, असोथर।
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मुंबई के दादर क्षेत्र में वह पान की दुकान में काम करता है। वहां लॉकडाउन होने पर दुकानदारों ने दुकानें बंद कर दी जिससे कुछ काम न मिलने पर मजबूरीवश उसे घर आना पड़ा।
-ननकू साहू, कंसापुर ।
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मुंबई के गोवंडी में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में लग्जरी कार का ड्राइवर है। तीन माह पूर्व घर से वहां गया था लेकिन कोरोना संक्रमण की दहशत में वह अपने घर आ गया है और खेती का काम देख रहा है।
-गंगा साहू, कंसापुर।