अंत्योदय सर्वे पर बनेगी कार्य योजना, दो बैठकों का रोस्टर घोषित

जागरण संवाददाता फतेहपुर समाप्त हो रहे पंचायत कार्यकाल में सरकार ने प्रधानों को गांव विक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 05:04 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 05:04 PM (IST)
अंत्योदय सर्वे पर बनेगी कार्य योजना, दो बैठकों का रोस्टर घोषित
अंत्योदय सर्वे पर बनेगी कार्य योजना, दो बैठकों का रोस्टर घोषित

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: समाप्त हो रहे पंचायत कार्यकाल में सरकार ने प्रधानों को गांव विकास का एक और मौका दे दिया है। अगले वित्तीय वर्ष (2021-22) की विकास योजना मौजूदा प्रधान ही तैयार कराएंगे। खास बात यह है कि इस बार कार्य योजना में वही विकास काम शामिल होंगे, जिनकी जरूरत दो साल पहले हुए अंत्योदय सर्वे में बताई गयी थी। कार्य योजना में एक-दो नहीं बल्कि 29 विभागों के कामों को शामिल किया जाएगा। कार्य योजना बनाने में गांव स्तर पर तैनात इन विभागों के कर्मचारी भी शामिल किए जाएंगे। शुक्रवार को गांवों में खुली बैठक कराने का रोस्टर भी जारी कर दिया गया।

जिले की 840 ग्राम पंचायतों के लिए जारी रोस्टर में डीपीआरओ अजय आनंद सरोज ने पहली बैठक 26 अक्टूबर से 25 नवंबर व दूसरी बैठक 26 नवंबर से 10 जनवरी तक पूर्ण कराने का निर्देश दिया। पहली बैठक में जहां अंत्योदय सर्वे की रिपोर्ट पढ़कर सुनाई जाएगी दो वहीं दूसरी बैठक में नये कामों को सूचीबद्ध करके ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करके प्लान प्लस साफ्टवेयर में अपलोड़ की जाएगी। फरवरी में पंचायत चुनाव की संभवना है। ऐसे में प्रधानों के लिए अवसर है कि व अपनी ग्राम सभा के लिए बेहतर कार्य योजना बनाए। क्योंकि अगर व चुनाव हार भी जाते है तो अगला प्रधान वही काम करा सकेगा जो वर्तमान प्रधान द्वारा कार्य योजना में तय कर दिए जाएंगे।

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बैठक कराने को रहेंगे नोडल अधिकारी

-पंचायती राज विभाग ने इस बार प्रत्येक ग्राम सभा की बैठक कराने के लिए एक-एक नोडल अधिकारी रखा है। मुख्य सचिव आरके तिवारी के स्पष्ट निर्देशों के बाद यह व्यवस्था की गयी है। ताकि गाइड लाइन के अनुसार ही कार्य योजना बनाई जा सके। पंचायत सचिव व प्रधान कार्य योजना बनाने में मनमानी न कर सकें।

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मनमानी नहीं, सिर्फ 15 फीसद बढ़ाकर निर्धारण

-पिछले वर्षों में आपने देखा होगा कि पंचायतें विकास योजना बनाने में मानक व नियम ताक पर रख देती है। उदाहरण के तौर पर कोई पंचायत डिग्री कालेज बनाने तो कोई अस्पताल बनाने के प्रस्ताव भी शामिल कर लेती है। जबकि पंचायतों को एक वित्तीय वर्ष राज्य एवं केंद्रीय वित्त मिलकर 20 से 25 लाख रूपये ही मिलते हैं। इस पर स्पष्ट है कि कार्य योजना मिलने वाली रकम से 15 फीसद अधिक तक के काम ही शामिल किए जाएंगे।

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इन 29 क्षेत्रों से शामिल होंगे काम

- कृषि, भूमि सुधार, लघु सिचाई, पशु पालन, मत्स्य पालन, सामाजिक वानिकी, लघु वन उत्पाद, लघु उद्योग, खादी, ग्राम और कुटीर उद्योग, ग्रामीण आवास, पेयजल, ईंधन और चारा, सड़कें, ग्रामीण विद्युतीकरण, गैर-परम्परागत ऊर्जा, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम, शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, व्यस्क और अनौपचारिक शिक्षा, लाइब्रेरी, सांस्कृतिक गतिविधियां, बाजार और मेले, स्वास्थ्य और स्वच्छता, परिवार कल्याण, महिला और बाल विकास, सामाजिक कल्याण, कमजोर वर्गों के कल्याण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और सामुदायिक परिसंपत्तियों के रखरखाव के बारे में काम कार्य योजना में शामिल किए जाएंगे।

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