दस महीने बाद भी रिपोर्ट नहीं प्रेषित कर सके अधिकारी
संवाद सूत्र किशुनपुर शासन का निर्देश है कि जन सुनवाई पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों क
संवाद सूत्र, किशुनपुर: शासन का निर्देश है कि जन सुनवाई पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों का गुणवत्ता पूर्ण समय सीमा के अंदर निस्तारण किया जाए। किशुनपुर नगर पंचायत में सीमा क्षेत्र के बाहर विकास कार्यों में लाखों रुपये की धनराशि खर्च करने के मामले में शिकायत का निस्तारण अटका पड़ा है। दस महीने बीत जाने के बाद भी जांच अधिकारी रिपोर्ट नहीं तैयार कर सके हैं। आनलाइन पोर्टल में शिकायतकर्ताओं के ही ऊपर ख्याति प्राप्त करने के चक्कर में इस प्रकार की शिकायत करने का आरोप मढ़ा जा रहा है। नई बस्ती निवासी उमाशंकर, शासन द्वारा नामित वार्ड सभासद सुनील शुक्ल व रामराज सिंह ने दस महीने पहले उक्त आशय की शिकायत देते हुए सीमा निर्धारण व विकास मद में खर्च हुई भारी-भरकम धनराशि की जांच कराए जाने की मांग की थी। अलग-अलग बिदुवार की गई शिकायतों की जांच हेतु तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर 10 माह पूर्व एसडीएम खागा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की गई थी। जांच टीम द्वारा चार बार स्थलीय व भौतिक सत्यापन किया गया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि तत्कालीन एसडीएम प्रह्लाद सिंह का स्थानान्तरण होने के बाद जांच प्रक्रिया सुस्त पड़ गई। बीते एक सितंबर को क्षेत्रीय कानूनगो कुलदीप सिंह ने चार सदस्यीय टीम के साथ नई बस्ती में हुए विकास कार्यों की जांच की थी। उसमे भी यह बात सामने आई थी कि नई बस्ती जहां पर नगर पंचायत द्वारा विकास कार्यों में लाखों की धनराशि खर्च की गई, वह रामपुर ग्राम सभा के अंतर्गत है। जांच रिपोर्ट में देरी का कारण जानने के लिए शिकायतकर्ताओं ने आनलाइन पोर्टल का सहारा लिया तो राजस्व टीम द्वारा जानकारी दी जाती है कि आवेदक प्रकरण में जांच की गम्भीरता को उपहास का विषय समझता है। जांच समिति द्वारा गहनता पूर्वक प्रकरण की जांच की जा रही है। टिप्पणी की जा रही है कि शिकायतकर्ता प्रश्नगत जांच के जरिए प्रचार-प्रसार, स्वनाम प्रसिद्धि की इच्छा रखते हैं। उधर शिकायतकर्ता उक्त मामले में कोई कार्रवाई न होने से शासन में उपरोक्त प्रकरण को एक बार पुन: ले जाने की तैयारी में हैं।