बिजली शवदाह गृह एक भी नहीं, खुले में होगा अंतिम संस्कार

जागरण संवाददाता फतेहपुर मार्च और अप्रैल का महीना तो याद ही होगा जब गंगा व यमुना के शव

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 05:31 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 05:31 PM (IST)
बिजली शवदाह गृह एक भी नहीं, खुले में होगा अंतिम संस्कार
बिजली शवदाह गृह एक भी नहीं, खुले में होगा अंतिम संस्कार

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मार्च और अप्रैल का महीना तो याद ही होगा, जब गंगा व यमुना के शवदाह गृहों में इंतजार करना पड़ता था। उस समय भी जिले में बिजली शवदाह गृह की कोई व्यवस्था नहीं थी, अब जब तीसरी लहर की संभावना है तब भी बिजली शवदाह गृह या ऐसा कोई शवदाह गृह नहीं है जहां संक्रमित व्यक्ति की अंत्येष्टि हो सके। तब भी शव खुले मैदान में जलाए गए थे, अब भी यही होगा। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

भिटौरा घाट में एक अति प्राचीन शवदाह गृह बना है। जिला उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष किशन मेहरोत्रा ने इस शवदाह गृह की मरम्मत कराकर इसमें इलेक्ट्रानिक शवदाह गृह बनाने की मांग जिला प्रशासन से की थी, लेकिन आज तक इस पर कोई काम नहीं हुआ। अंधेर तो यह है कि 20 साल पुराने इस शवदाह गृह की मरम्मत तक नहीं कराई, जिससे की इसे कोरोना संक्रमित शवों के लिए प्रयोग में लाया जा सके। इसी तरह आदमपुर, भिटौरा, असनी, नौबस्ता जैसे गंगा घाटों में शवदाह गृह के लिए टीनशेड तो बने हैं लेकिन कोई ऐसा स्थान नहीं है जहां बिजली शवदाह गृह संचालित किया गया हो। संक्रमित शव का यूं होता अंतिम संस्कार

जिले में कोरोना से संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए कोई भी अलग से शवदाह गृह नहीं है। यह बात अलग है कि जब कोई अधिकृत संक्रमित व्यक्ति की मौत होती है तो सीएमओ कार्यालय से एक स्वास्थ्य टीम अंतिम संस्कार कराने के लिए तय होती है। यह टीम पीपीई किट पहन कर गंगा व यमुना के घाटों में शव का अंतिम संस्कार कराकर जलवा देती है। कोरोना संक्रमित शव का निस्तारण

- शव को डिसइनफेक्टेड बैग में रखा जाता है, बैग सहित जला दिया जाता है।

- स्वजन को एक बार शव दूर से दिखाया जाता, छूना मना है।

- जहां शव जलाया जाए वहां के वातावरण को डिसइनफेक्टेड करने का प्रबंध होता है।

- शव को उठाने रखने वाले मास्क, ग्लब्स पहना बेहद अनिवार्य है।

- जिस गाड़ी में शव ले जाया जाए, उसे बाद में सैनिटाइज किया जाए। जब कोई भी अधिकृत संक्रमित की मौत होती है तो स्वास्थ्य विभाग मेडिकल टीम नियुक्त करता है। इसी की देखरेख में अंतिम संस्कार तय गाइड लाइन के अनुसार होता है। जिले में विद्युत शवदाह गृह नहीं है।

डा. राजेंद्र सिह, सीएमओ

chat bot
आपका साथी