तैयार होंगे प्राकृतिक जल स्त्रोत, रुकेगा मिट्टी का क्षरण

संवाद सहयोगी बिदकी नदियों के आसपास ऊबड़-खाबड़ खेती को समतल बनाने उपजाऊ मिट्टी का क्षरण्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:59 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:59 PM (IST)
तैयार होंगे प्राकृतिक जल स्त्रोत, रुकेगा मिट्टी का क्षरण
तैयार होंगे प्राकृतिक जल स्त्रोत, रुकेगा मिट्टी का क्षरण

संवाद सहयोगी, बिदकी : नदियों के आसपास ऊबड़-खाबड़ खेती को समतल बनाने उपजाऊ मिट्टी का क्षरण रोकने, जल स्त्रोत तैयार करने का प्रयोग यहां खजुहा ब्लाक के केवाई गांव में किया जा रहा है। ब्लाक में संचालित किए जा रहे सीएफपी (क्लस्टर फैसिलेशन प्रोजेक्ट ) के तहत ग्राम पंचायत केवाई में रिद नदी के किनारे ड़ेढ हेक्टेयर भूमि पर स्ट्रगर्ड कंटूर ट्रेंच (कंपित समोच्च खाई ) का निर्माण कराया गया है। श्रृंखलाबद्ध तरीके से बनाई गई ट्रेंच से बारिश के दौरान बहने वाली उपजाऊ मिट्टी का क्षरण रुकेगा। ट्रेंच में वर्षा का जल एकत्र होगा। उपजाऊ मिट्टी से ट्रेंच भरने के बाद दूसरे स्थान पर ट्रेंच तैयार की जाएंगी। इस क्रम को लगातार करने से खेत प्राकृतिक रूप से उपजाऊ मिट्टी के साथ समतल भी होगा।

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इंसेट

-जमीन पर एक ट्रेंच 0.405 क्यूबिक मीटर का होगा। ट्रेंच में उपजाऊ मिट्टी से भर जाने के बाद किसान आसानी से बेर, आंवला, शरीफा आदि के पौधे लगा सकेगा। इन ट्रेंच पर पौधे के लिए उपजाऊ मिट्टी मौजूद रहेगी। इससे पौधों में अच्छी फलत भी आएगी।

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बढ़ेगा भू-भर्ग जल स्तर

-स्ट्रगर्ड कंटूर ट्रेंच भू-गर्भ जल स्तर को भी बढ़ाएगा। सीएफपी के तहत काम करने वाले नेचुरल रिसोर्समैनेजमेंट के एक्सपर्ट अरविद सिंह चंदेल बताते हैं कि इन ट्रेंच में वर्षा जल संचित होगा, जो भू-गर्भ जल स्तर को बढ़ाएगा। उपजाऊ मिट्टी एकत्र होगी जो पहले बारिश में बहकर नदी में चली जाती थी। टीलों पर कंकरीली जमीन निकल आती थी। स्ट्रगर्ड कंटूर ट्रेंच बनाए जाने से उपजाऊ मिट्टी नदी में नहीं जाएगी। वह खेत पर ही रुकेगी।

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डेढ़ हेक्टेयर में बने हैं 350 स्ट्रगर्ड कंटूर ट्रेंच

-केवाई गांव में डेढ़ हेक्टेयर क्षेत्रफल में मनरेगा से 350 स्ट्रगर्ड कंटूर ट्रेंच बनाए गए हैं। इनका एक निश्चित आकार और दूरी है। पानी की बर्बादी को रोकना इनका प्रमुख काम होगा।

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इंसेट

ट्रेंच के नीचे विकसित होगी झील

-जमीन की चोटी से नीचे तक जब ट्रेंच बन जाएंगी। इसके बाद समतल भूमि पर एक निश्चित आकार में झील बनाने के लिए खाईंबंदी कराई जाएगी। इससे एक प्राकृतिक झील विकसित हो जाएगी। झील का यह पानी यहां पर खेतों की सिचाई के साथ वन्य जीवों के भी काम आएगा। झीलें जल संरक्षण का भी काम करेंगी।

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इंसेट

- 'गांव के विकास के साथ खेती, जल संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों के लिए सीएफपी योजनाएं बना रही है। इन योजनाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर लागू किया जा रहा है। स्ट्रगर्ड कंटूर ट्रेंच बनाने की योजना सीएफपी के नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट ने तैयार की थी। इस पर केवाई गांव में ग्राम समाज की जमीन पर प्रयोग किया गया है। इसके सफल होने के बाद नदियों के किनारे बसे गांव के किसानों को यहां लाया जाएगा। ताकि वह इस पर काम कर सकें। इसका मकसद प्राकृतिक रूप से किसान को संपन्न बनाना है।' - कमल किशोर कमल खंड विकास अधिकारी खजुहा

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